बरेली। उत्तराखंड ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने बरेली प्रवास के दौरान पत्रकारों से कहा कि बड़े-बड़े मंदिरों में विकास कार्य कराया जा रहा है। विकास कार्य के बाद जितना पैसा लगा है। उसे निकालना भी तो पड़ता है। यह व्यापार का नियम है। इसके लिए टिकट लगाए जाएंगे। वीआईपी दर्शन कराए जाएंगे। यह सब हो रहा है जो धर्मस्थानों के लिए ठीक नही है। हम चाहते हैं कि हमारे देवता का दरबार छोड़ दीजिए ताकि वहां जाकर हम सब यह अनुभव कर सकेंगे कि इस दरबार मे हम सब एक हैं। यहां न कोई बड़ा है, न छोटा है। उन्होंने धर्म के प्रति युवाओं का लगाव कम होने के सवाल पर कहा कि हमारी युवा पीढ़ी ईमानदार व सक्षम है। धर्म के नाम पर ढोंग व पाखंड बढ़ रहा है। इसके चलते युवाओं का मन धर्म से हट रहा है। युवा समझते हैं कि धर्म का मतलब ढोंग है। ढोंग करने वाले लोग अपनी दुकानें खोलकर भले ही कुछ कर रहे हैं, लेकिन सच्चाई यही है कि असल में जो धार्मिक लोग हैं, वे आज भी धर्म के मार्ग पर है। उन्होंने युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि सच्चे धार्मिक लोगों का अनुसरण करिए। नशे और निराशा से बचिए। उत्तराखंड के लोगों द्वारा पलायन की बात पर शंकराचार्य ने कहा कि उत्तराखंड के लोगों में काबलियत हैं। वह अपने हुनर के दम पर दूसरे स्थानों पर रोजगार करने जा रहे हैं। ऐसे तो सबसे ज्यादा यूपी और बिहार में पलायन होना कहा जायेगा जो की गलत है। प्रवास के दौरान मंडलायुक्त सौम्या अग्रवाल भी शुक्रवार को दोबारा शंकराचार्य से मिलने पहुंची। इस दौरान उन्होंने आधे घंटे से अधिक दी वार्ता की।।
बरेली से कपिल यादव