धरना प्रदर्शन के बाद भी नही पकड़े गए आवारा पशु, प्रशासन व अधिकारी मौन

बरेली/फतेहगंज पश्चिमी। आवारा पशुओं के आतंक से फतेहगंज पश्चिमी के कस्बा व देहात के लोग परेशान है परंतु प्रशासन को इससे कोई लेना देना ही नही है। सड़कों व अन्य जगहों पर आवारा पशुओं का हमेशा जमावडा लगा रहता है लेकिन प्रशासन व नगर पंचायत के अधिकारियों व कर्मचारियों को यह सब दिखाई नही देता है। बीते दिनों भाकियू ने छुट्टा पशु पकड़वाने के लिए फतेहगंज पश्चिमी ब्लॉक मुख्यालय पर धरना-प्रदर्शन किया था। नगर पंचायत कार्यालय मे भी शिकायत की गई थी। इसके बाद भी छुट्टा पशु नही पकड़े गए। स्थानीय लोगों ने बताया कि आए दिन छुट्टा पशुओं के हमलों मे लोगों की मौत हो रही है। इसके बाद भी प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नही दे रहा। वही फतेहगंज पश्चिमो के गांव औंध निवासी राकेश कुमार (45) की भी सांड़ के हमले मे जान चली गई। परिजनों ने बताया कि राकेश पाकड़ और गूलर के पत्ते पशुपालकों को बेचकर परिवार का भरण-पोषण करते थे। बुधवार देर शाम वह साइकिल से घर लौट रहे थे। फतेहगंज पश्चिमी कस्बे को नेशनल हाईवे से जोड़ने वाली सड़क पर एक गैस गोदाम के पास सांड़ ने उन पर हमला कर दिया था। जिससे उनकी जान चली गयी थी। मौत का ये आंकड़ा अभी थमा नही है। प्रशासनिक लापरवाही के चलते ये आंकड़ा निरंतर बढ़ता रहेगा क्योंकि अभी तक जिला प्रशासन इस दिशा मे कोई ठोस कार्रवाई तो दूर एक कदम आगे नही बढ़ पाया है। कस्बे की सड़कों-गलियों में आवारा सांडों का साम्राज्य है। लोग घरों के छोटे बच्चों को गली मे खेलने के लिए नही भेज सकते, क्योंकि उन्हें अपने लाडलों की जिंदगी से प्यार है। वही अधिकारीयो का कहना है कि आवारा पशुओं की समस्या के समाधान के लिए लगातार प्रयासरत है। जल्द ही इस समस्या के स्थाई समाधान की रूपरेखा तैयार की जाएगी।।

बरेली से कपिल यादव

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