बरेली। होली और रमजान को लेकर दरगाह आला हजरत प्रमुख सुब्हानी मियां की तरफ से पैगाम जारी किया गया है। उन्होंने अपने पैगाम में होली के दिन मिश्रित आबादी वाले इलाकों में नमाज का वक्त भी बदलने को कहा है। जहां ज्यादा रंग खेला जा रहा हो वहां गैर जरूरी तौर पर जाने से बचने की भी उन्होंने ताकीद की। रंग खेलने वाले रास्तों और जगहों पर जाने से परहेज करें और महफूज जगहों पर रह कर अपनी इबादत में वक्त गुजारे। मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में अपने तय शुदा वक्त पर ही नमाज अदा करें। जहां मिली जुली आबादी हो और रोड वाली मस्जिद जहां होली का जुलूस निकलते हो व रंग खेला जा रहा हो उन क्षेत्रों में अपनी सहूलियत के हिसाब से अहले मोहल्ला और अहले मस्जिद उलमा से मशवरा करके जुमे की नमाज़ का वक्त 2:30 बजे कर ले ये बेहतर रहेगा। दरगाह आला हजरत से जुड़े नासिर कुरैशी ने बताया कि दरगाह प्रमुख की ओर से अवाम के लिए संदेश दिया गया है। माहे रमजान, रोजे, तरावीह, कुरआन की तिलावत की महफिलों आदि की धूमधाम और चहल-पहल के बीच खास जुमे के दिन होली जैसे रंगों के त्योहार के पड़ जाने की वजह से शासन प्रशासन ही नहीं बल्कि सभी चिन्तित और चाक व चौबंद नजर आ रहे है। मजहबी शख्सियात भी फिक्रमंद हैं, ऐसे में सुन्नी सूफी खानकाही बरेलवी विचारधारा के सबसे बड़े मरकजे अहले सुन्नत दरगाह आला हजरत से संदेश दिया गया है। दरगाह प्रमुख सुब्हानी मियां ने कौम के नाम अपने पैगाम में एक एडवायजरी जारी की है। कहा है कि त्योहार पर आपसी सौहार्द को बढ़ावा दें। जुमा नमाज के दिन सतर्कता बरतें। कहा कि रमजान का महीना हर मोमिन के लिए इज्जत व एहतिराम और बरकत वाला महीना है। जिसमे हर ईमान वाला बंदा ज्यादा से ज्यादा नोकियां कमाने की कोशिश करता है। एक दूसरे की मदद करने की ललक रखता है और लड़ाई झगड़े और बुराईयों से दूर रहने का प्रयास करता है। हम सबको गरीबों की मदद करने और बेसहारा लोगों को ईद की खुशियां मनाने का मौका देने की तालीम देता है। हर मुस्लिम की जिम्मेदारी है कि वह अपनी हिफाजत के साथ पाक व साफ कपडों में रहकर इबादत करें।।
बरेली से कपिल यादव