बरेली। 2010 मे बरेली दंगा मामले मे हाईकोर्ट के आदेश पर राष्ट्रविरोधी असमाजिक गतिविधियों मे शामिल होने से प्रतिबंध के बाद भी प्रशासन की बिना अनुमति के प्रदर्शन कर भड़काऊ तकरीरे देकर नौ फरवरी को बरेली शहर में बवाल करने के मामले मे मौलाना तौकीर रजा खां के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने को कोर्ट में दी अर्जी पर सुनवाई 25 अप्रैल तक को टल गयी है। इस प्रकरण में सुनवाई के दौरान पुलिस ने अपनी आख्या कोर्ट में नहीं भेजी थी। मानव अधिकार संरक्षण मंच के अध्यक्ष वीरेंद्र पाल गुप्ता एड. ने मौलाना तौकीर रजा खां के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने को अर्जी दी थी। आरोप था कि बरेली दंगा 2010 की विवेचना में क्लीनचिट मिलकर जेल से रिहाई होने के बाद दंगा पीड़ित महेंद्र गुप्ता की याचिका पर हाईकोर्ट ने 28 जुलाई 2010 को मौलाना तौकीर रजा खां को असामाजिक और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल होने से प्रतिबंधित कर दो लाख के दो जमानती व दो लाख का बंधपत्र देने का आदेश दिया था। हाईकोर्ट के इस आदेश पर तौकीर ने दो जमानती और बंधपत्र जिला जज की कोर्ट मे दिए थे। अधिवक्ता वीरेंद्र गुप्ता का आरोप है कि इस आदेश के बाद भी मौलाना असामाजिक और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में लगातार शामिल हैं। बरेली दंगा के बाद मौलाना के खिलाफ कोतवाली बरेली, संभल, फरीदपुर आदि थानों में भड़काऊ भाषण देने के मुकदमे भी दर्ज हैं। वीरेंद्र गुप्ता ने तौकीर रजा की क्रिमिनल हिस्ट्री के साथ कोर्ट में अर्जी देकर इस मामले में रिपोर्ट दर्ज करने की मांग की थी। मंगलवार को इस अर्जी पर कोर्ट में सुनवाई होनी थी। बरेली पुलिस ने अपनी आख्या कोर्ट में नही भेजी। कोर्ट ने मौलाना के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने वाले इस मामले में सुनवाई को अब 25 अप्रैल की तारीख नियत की है।।
बरेली से कपिल यादव