….तो बिना मानदेय इस माह कैसे गुजारा करे शिक्षामित्र, पदाधिकारियों

बरेली। शासन से बजट जारी न होने पर शिक्षामित्रों को अभी तक दिसंबर का मानदेय नही मिला है। तो बिना मानदेय कैसे होगा गुजारा। इस पर उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के पदाधिकारियों ने रोष व्यक्त किया है। इसके साथ ही शासन से बजट देने के लिए शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार को मेल भेजकर ग्रांट जारी करने की मांग की गई है। संघ के जिलाध्यक्ष कपिल यादव ने बताया कि शिक्षामित्रों को कभी समय से मानदेय नही दिया जाता है। यही कारण है कि उनके ज्यादातर त्योहार फीके रह जाते है और गुजारा होना मुश्किल हो जाता है। शिक्षामित्र कर्ज लेकर अपना गुजारा करता है। जनपद मे 2800 से अधिक शिक्षामित्र बेसिक शिक्षा मे कार्यरत है। राज्य परियोजना निदेशक का कहना है कि केंद्र सरकार से मिलने वाला 65 प्रतिशत अंशदान अभी तक राज्य सरकार को प्राप्त नही हुआ है। महामंत्री कुमुद केशव पाण्डेय ने बताया कि सरकार ने जनवरी मे होने वाले 15 दिवसीय शीतकालीन अवकाश (31 दिसंबर से 14 जनवरी) की अवधि का मानदेय भी नही मिलता है। ऐसे मे शिक्षामित्र कहां जाए। कैसे गुजारा करे। सरंक्षक विनीत चौबे व वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनिल गंगवार ने कहा कि जल्द मानदेय भुगतान करते हुए बिहार, राजस्थान की भांति शिक्षामित्रों को भी समायोजित करने की मांग की। उपाध्यक्ष अरविंद गंगवार ने कहा कि नियमित शिक्षकों को एक-दो तारीख को वेतन जारी हो जाता है। लेकिन शिक्षामित्र मात्र 10 हजार रुपये पाते है। संगठन मंत्री अनिल यादव ने कहा कि एक तरफ सरकार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की बात करती है और दूसरी तरफ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने बाले शिक्षामित्रों को समय पर मानदेय भुगतान नही करती है। वही सतीश गंगवार, कुंवरसेन गंगवार, सर्वेश पटेल, नरेश गंगवार, भगवान सिंह यादव, आसिम हुसैन, राजेश गंगवार, रामनिवास, तुलाराम वर्मा, धर्मेंद्र पटेल, अचल सक्सेना, हरीश गंगवार, हरवीर यादव, जसवीर यादव, मदनलाल वर्मा, संतोष कुमार ने कहा कि शिक्षामित्र को 10 हजार मानदेय मिलता है। वह भी समय पर न मिलने से आर्थिक स्थिति बिगड़ने लगी है। वे अपने परिवार का खर्च नही चला पा रहे। पाल्यों के इलाज व बच्चों के पठन पाठन मे बाधा आ गई है। बच्चों की फीस तक नही जमा की गई। इतना ही नही गृहस्थी की जरूरतें भी पूरी नही हो पा रही। संघ की सरकार से मांग है कि शिक्षामित्रों को समय से मानदेय की उचित व्यवस्था करे। केन्द्र से बजट न मिलने से अभी तक मानदेय की ग्रांट जारी नही हुई है।।

बरेली से कपिल यादव

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