डाॅक्टर्स राष्ट्र के असली रक्षक-साध्वी भगवती सरस्वती

*अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडियन ओरिजिन (आपी) का वार्षिक सम्मेलन 

*डाॅ साध्वी भगवती सरस्वती जी ने मुख्य वक्ता के रूप में सहभाग किया

*टीचिंग एंड टच से करें उपचार

उत्तराखंड/ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन ऋषिकेश, भारत से डाॅ साध्वी भगवती सरस्वती जी ने अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडियन ओरिजिन (आपी) के वार्षिक सम्मेलन में आज मुख्य वक्ता के रूप में सहभाग कर डाॅक्टरों को सम्बोधित किया।
1982 में स्थापित, (आपी) संयुक्त राज्य अमेरिका में 80,000 से अधिक प्रैक्टिस करने वाले भारतीय डॉक्टरों के समूह का प्रतिनिधित्व करता है। इसके अलावा, यह यूएसए में 40,000 से अधिक मेडिकल छात्रों, स्थानीय निवासियों और भारतीय मूल के लोगों के लिए एक मंच के रूप में भी कार्य करता है।
कोविड-19 महामारी के बाद पहली बार होने वाले इस प्रतिष्ठित सम्मेलन में डाॅ साध्वी भगवती सरस्वती जी, कांग्रेस की सदस्य कैरोलिन बॉर्डो, अर्ल. एल. बड्डी कार्टर, अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ बॉबी मुक्कामाला, बॉलीवुड अभिनेत्री मल्लिका शेरावत, इस्कॉन टेम्पल से आध्यात्मिक गुरू गौरांग दास तथा कई अन्य गणमान्य एवं प्रतिष्ठित हस्तियो ने सहभाग किया।
डाॅ साध्वी भगवती सरस्वती जी ने सम्मेलन को सम्बोधित करते हुये कहा कि आप सभी वास्तव में नायक (हीरों) हैं। आप ही हैं, जिन्होंने देश और देशवासियों को सुरक्षित रखा है। आमतौर पर हम सेना को देश के रक्षक के रूप में देखते हैं लेकिन इस वर्ष आप डाॅक्टर्स ने मिलकर सेना और सेनापतियों की तरह काम किया है।  सैनिक सीमाओं की रक्षा करते हैं आप ने विश्व के स्वास्थ्य की रक्षा की है। आप सभी सचमुच राष्ट्र के असली रक्षक है।
साध्वी जी ने कहा कि डॉक्टर के रूप में आपके पास दो खूबसूरत और अमूल्य उपहार हैं, जिन्हें आप अपने मरीजों के साथ साझा करते हैं टीचिंग एंड टच (शिक्षाएं और स्पर्श)। आपके पास अपने
मेडिकल स्कूल की शिक्षाएं हैं, आपके अनुभव और आपके क्षेत्र की विशेषज्ञता है, लेकिन आपके पास और एक सुंदर उपहार भी है देने के लिये वह है ‘टच’ स्पर्श। आप के पास स्पेशल दिल है, देखभाल करने वाला आपका स्पर्श, प्रेम और करुणा जो अपने आप में बहुत कारगर उपचार है। भारतीय डॉक्टर्स के रूप में आपके पास वास्तव में 3 बहुमूल्य उपहार हैं – (टीचिंग, टच एंड ट्रांसफाॅर्मेशन) शिक्षाएं, स्पर्श और परिवर्तन जो भारतीय संस्कृति हमें देती है, जिसे मैंने 25 वर्ष पहले बहुत गहराई से अनुभव किया है। आप इन 3 उपहारों को अपने सभी रोगियों के साथ साझा करते रहें।

साध्वी भगवती सरस्वती जी ने कहा कि इन दिनों डॉक्टरों के बीच भी बहुत तनाव और अवसाद है, खासकर कोविड-19 के प्रेशर के कारण और यह समय सभी डॉक्टर्स के लिए अपनी खुद की भी आध्यात्मिक और भावनात्मक प्रतिरक्षा की देखभाल करने का समय  है। इस तनाव और अवसाद का उत्तर है; विपर्यय है ’CURED’ । ‘सी’ का अर्थ है कनेक्शन, ईश्वर से कनेक्शन, जो हमें जमीन से जोड़े रखता है और हमारी आंतरिक बैटरी को चार्ज रखता है। ‘यू’ अंडरस्टैंडिंग का अर्थ यह समझना है कि आप केवल भगवान के हाथों में एक उपकरण हैं। ‘आर’ का मतलब रिकनैक्ट करना अर्थात पूरे दिन फिर से जुड़ना है; फिर से जुटना है। ‘ई’ इक्वनीमिटी का अर्थ है समभाव – अपने स्वयं के दिमाग का संतुलन और प्रबंधन खोजना। ‘डी’ धन्यवाद – कृतज्ञता का अभ्यास।  
सम्मेलन के आयोजक एएपीआई लीडर्स द्वारा साध्वी भगवती सरस्वती जी के उद्बोधन के पश्चात उन्हें शॉल और फूलों का गुलदस्ता देकर सम्मानित किया गया। (आपी) के वर्तमान अध्यक्ष डॉ. सुधाकर जोन्नालगड्डा, निर्वाचित अध्यक्ष डॉ. रवि कोल्ली, कन्वेंशन चेयर डॉ. श्रीनी गंगासानी और डॉ प्रसाद गरिमेला ने उन्हें सम्मानित किया। (आपी) की शक्ति, (आपी) के बोर्ड के अध्यक्ष डॉ सजनी शाह, (आपी) की भावी अध्यक्ष डॉ अनुपमा गोटीमुकुला और बोर्ड की भावी अध्यक्ष डॉ कुसुम पंजाबी ने साध्वी जी को फूलों का गुलदस्ता भेंट किया।

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