बरेली। जनपद मे दस साल बाद सुरेश शर्मा नगर मे हुए तिहरे हत्याकांड मे फास्ट ट्रैक प्रथम रवि कुमार दिवाकर की कोर्ट ने छैमार गैंग की दो महिलाओं समेत आठ दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है। वही गैंग से जेवरात खरीदने वाले सर्राफा व्यापारी को सश्रम आजीवन कैद की सजा मिली है। कोर्ट ने छैमार गैंग के सभी दोषियों को मृत्यु तक फांसी के फंदे पर लटकाने का आदेश दिया है। कोर्ट ने आठ दोषियों पर कुल 12 लाख 80 हजार का जुर्माना भी ठोका है। जुर्माने की पूरी राशि कोर्ट ने मुकदमा दर्ज कराने वाले रविकांत मिश्रा को देने का आदेश दिया है। डीजीसी क्राइम सुनीति कुमार पाठक ने बताया कि सुरेश शर्मा नगर में सॉफ्टवेयर इंजीनियर योगेश मिश्रा, पत्नी प्रिया और मां पुष्पा देवी रहती थी। 23 अप्रैल 2014 को तीनो के शव कोठी के अंदर बुरी तरह से कुचले हुए बरामद हुए थे। कोठी से नगदी, जेबरात और कीमती कपड़े गायब थे। योगेश के भाई रविकांत मिश्रा इनकम टेक्स इंस्पेक्टर ने थाना बारादरी मे इस ट्रिपल मर्डर की रिपोर्ट थाना बारादरी मे दर्ज करायी थी। बारादरी पुलिस को विवेचना के दौरान जानकारी मिली की छैमार गैंग की महिलाएं घरों मे भीख मांगने के नाम पर रेकी करती है। इसी गैंग की महिलाओं ने योगेश मिश्रा की कोठी की रेकी की थी। बारादरी पुलिस ने 2 मई 2014 उमरिया डेरे से बाजिद, महिला नाजिमा और हाशिमा को गिरफ्तार कर ट्रिपल मर्डर का खुलासा किया था। पकड़े गए तीनों के पास से चार चांदी के सिक्के, योगेश का पैन कार्ड, पुष्पा देवी का पर्स और दवाओं के कागजात और वारदात मे प्रयुक्त लोहे का संबल बरामद हुआ था। 7 मई 2014 को छैमार गैंग से लूटपाट का जेवरात खरीदने वाले सर्राफ राजू वर्मा निवासी सदर बाजार कैंट को सैटेलाईट बस अड्डे से गिरफ्तार किया था। सर्राफ के कब्जे से योगेश के कानों की सोने की बाली, प्रिया के कानों के सोने के टॉप्स, सोने का लॉकेट, चांदी की दो जोड़ी पाजेब बरामद की थी। सर्राफ ने पूछताछ में जेबर जीशान उर्फ हसीन से खरीदने की बात कबूल की थी। सर्राफ के कब्जे से दो नोटबुक भी मिले थे जिसमे गैंग द्वारा लूटे गये जेवर की खरीद परोख्त का लेखा-जोखा लिखा था। 11 मई 2014 को उमरिया डेरा के हसीन और यासीन को पकड़ा था। हसीन के कब्जे से प्रिया की कीमती साड़ी, यासीन के कब्जे से चार चांदी के सिक्के और पाजेब बरामद हुई थी। पुलिस ने 8 जुलाई 2014 को समीर को पकड़ा था उसके कब्जे से सोने की अंगूठी और सोने के कुंडल बरामद किये थे। बारादरी पुलिस में मुठभेड़ मे जुल्काम और फईम शंकर को भी गिरफ्तार किया था। सुरेश शर्मा नगर के ट्रिपल मर्डर केस की सुनवाई फास्ट ट्रैक प्रथम रवि कुमार दिवाकर की कोर्ट में हुई। आरोप साबित करने को एडीजीसी क्राइम दिगंबर पटेल ने दस गवाह पेश कर बरामद जेबरात, कपड़े, आलाकत्ल को पेश किया था। कोर्ट में दोनों पक्षों की दलीलों को सुनकर बीती 4 मार्च को आरोपी बाजिद, हसीन, यासीन, नाजिमा, हाशिमा, समीर, जुलकाम, फईम शंकर और सराफ राजू वर्मा को दोषी माना था। साथ ही दोषियों की सजा निर्धारण को सात मार्च की तारिख नियत की थी। गुरुवार को चर्चित ट्रिपल मर्डर केस में सजा निर्धारण पर सुनवाई हुई। डीजीसी क्राइम सुनीति कुमार पाठक और एडीजीसी क्राइम दिगंबर पटेल ने दोषी छैमार गैंग को फांसी की सजा देने को दलीले दी। कोर्ट मे दोनों पक्षों की दलीलों को सुनकर आरोपी शेरगढ़ के कुड़ला नगरिया निवासी वाजिद, डेरा उमरिया के हसीन, यासीन, नाजिमा, हाशिमा, जुल्काम, फईम उर्फ शंकर, संभल में थाना असमौली के बुकनाला के समीर को फांसी और शाहजहांपुर मे सदर बाजार के मोहल्ला चौक निवासी सर्राफ राजू वर्मा को दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। सजा के बाद परिवार वाले बोले दस साल बाद उन्हें न्याय मिला। उनके परिवार की निर्मम हत्या करने वालों को फांसी की सजा सुनकर चैन मिला।।
बरेली से कपिल यादव