झोलाछाप डॉक्टर कर रहे कोरोना जैसी बीमारी में लोगों का उपचार: प्रशासन बेखबर

*ग्रामीण क्षेत्रों में जगह जगह गारंटेड उपचार के नाम पर लोगों को लगा रहे चूना- यह झोलाछाप डॉक्टर कोरोना की चेन को बढ़ा सकते हैं बिना डिग्री डिप्लोमा के लोगों का कर रहे इलाज

मध्यप्रदेश/तेन्दूखेड़ा- शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में झोलाछाप डॉक्टरों ने अपनी दुकानें सजा रखी है यहां बिना किसी डिग्री के झोलाछाप डॉक्टर मरीजों का इलाज कर रहे हैं ऐसा नहीं कि इसकी जानकारी प्रशासन को नहीं है जानकारी होने के बावजूद भी इन झोलाछापों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है ग्रामीण क्षेत्र में भी बिना डिग्री के झोलाछाप डॉक्टर क्लीनिक खोलकर मरीजों का इलाज कर रहे हैं क्षेत्र में ऐसे डॉक्टरों की भरमार है जिनके पास न तो कोई वैद्य डिग्री है और न ही स्वास्थ्य विभाग में पंजीकृत है
झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा जगह जगह दुकानों में क्लीनिक संचालित कर मरीजों को दवाइयां देकर उनके स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जा रहा है कई झोलाछाप डॉक्टर मरीजों को कमरे की दुकान में भर्ती कर उपचार कर रहे हैं स्वास्थ्य विभाग की ओर से ऐसे झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है इसके चलते बिना डिग्री वाले ये डॉक्टर बेपरवाह होकर अपने क्लीनिक सचालित कर रहे हैं
*कोरोना जैसी बीमारी के समय भी नही आ रहे बाज*
शहर के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी झोलाछाप डॉक्टरों का धंधा फलफूल रहा है जहां मौसम बदलते ही झोलाछाप डॉक्टर ग्रामीण क्षेत्रों में सक्रिय हो गए हैं बिना डिग्री डिप्लोमा के इलाज कर रहे लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं लगातार शिकायतें मिलने के बाद भी विभागीय अफसर शांत बैठे हुए हैं ग्रामीण क्षेत्रों में झोलाछाप डॉक्टरों ने अपनी दुकानदारी जमा ली है कोरोना जैसी बीमारी के समय भी झोलाछाप डॉक्टर लोगों का इलाज करने से बाज नहीं आ रहे हैं सर्दी खांसी के मरीजों को मेडिकल पर दवा देने के लिए मना किया गया है लेकिन यह झोलाछाप डॉक्टर ऐसे मरीजों का इलाज कर रहे हैं इलाज करते समय सावधानी भी नहीं बरती जा रही है और सर्दी जुखाम के मरीज को देखने के बाद यह दूसरे मरीजों का भी इलाज करना शुरू कर देते हैं वही स्वास्थ्य विभाग द्वारा झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई न करने के कारण ही इनकी हर ग्रामीण क्षेत्रों में तादाद बढ़ती जा रही है कार्रवाई न होने का फायदा उठाते हुए दूसरे जिले के भी फर्जी डॉक्टर भी ग्रामीण क्षेत्रों में आकर इलाज करने लगे हैं बदलते मौसम में जहां सर्दी खांसी व बुखार के मरीज बढ़ रहे हैं तो वही लोग बड़े डॉक्टरों को दिखाने की बजाय लोग इन झोलाछाप डॉक्टरों के पास अपना इलाज करा रहे हैं इलाज करने के एवज में झोलाछाप डॉक्टर्स शुल्क भी ले रहे हैं लगातार झोलाछाप डॉक्टरों की तादाद बढ़ने के बाद अब स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ती जा रही है कोरोना जैसी महामारी में भी यह झोलाछाप डॉक्टर अपनी दुकान बुंलद इरादे से चला रहे हैं
*गांवों में चल रहे क्लीनिक*
तेन्दूखेड़ा ब्लाक के अंतर्गत आने जैसे कि तारादेही समनापुर धनगौर झलौन सर्रा तेजगढ़ सैलवाड़ा और ग्रामीण क्षेत्रों सहित अधिक आबादी वाले गांवों में झोलाछाप डॉक्टरों के क्लीनिक संचालित हो रही है क्षेत्र में क्लीनिक संचालित कर रहे अधिकतर डॉक्टरों के पास डिग्रियां नहीं है इसके बावजूद भी इनकी और से मरीजों का इलाज में जा रहा है इन डॉक्टरों की ओर से ग्रामीणों को खांसी जुकाम और बुखार सहित कोरोना जैसी बीमारी का भी इलाज है तथा इसके अलावा सामान्य बीमारियों के इलाज के नाम पर दवाइयां दी जा रही है इनसे दवाइयां लेने के बाद कुछ ही मरीजों को स्वास्थ्य लाभ मिल पाता है अधिकतर मरीजों को इन डॉक्टरों की दवाइयों से किसी प्रकार का कोई लाभ नहीं मिलता इसके बाद मरीज शहर के अस्पतालों की ओर रुख करते हैं इसके चलते मरीज और बीमारी हो जाते हैं दवाइयों के खर्च के साथ समय भी अधिक बढ़ जाता है स्वास्थ्य विभाग की ओर से इन डॉक्टरों के खिलाफ किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है
*बिना जांच के देते हैं दवाइयां*
ग्रामीण क्षेत्रों में झोलाछाप डॉक्टर मरीजों को बिना जांच के दवाइयां दे रहे हैं जो मरीजों के लिए खतरनाक साबित हो सकती है इन डॉक्टरों द्वारा अधिकतर एंटीबायोटिक दवाइयां और इंजेक्शन सामान्य बीमारियों वाले मरीजों में तो काम कर जाती है लेकिन अधिकतर मामलों में मरीजों को लाभ नहीं मिल पाता ग्रामीण क्षेत्र में झोलाछाप मनमानी से ऐसा ना हो की कोरोना जैसी महामारी को और बढ़ा दे
*गारंटेड उपचार के नाम पर लूट*
ग्रामीण क्षेत्रों के साथ साथ शहर में भी कई स्थानों में बिना डिग्रीधारी डॉक्टरों द्वारा बवासीर भंगदर चर्मरोग गुप्त रोग आदि के नाम पर गांरटेड उपचार का दावा कर लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं जगह जगह एक छोटे से कमरे में मरीज को बाकायदा भर्ती कर उपचार कर रहे हैं कई बार बिना जानकारी के उपचार से मरीजों की जान पर बन आती है और केस न संभलने की स्थिति में मरीज को रैफर करा दिया जाता है ऐसा नहीं है कि शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में भी खुलेआम संचालित हो रहे अवैध क्लीनिकों की जानकारी प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग को न हो लेकिन जिम्मेदार आंखों पर धुंधला चश्मा चढ़ाकर बैठे हुए हैं।

– विशाल रजक मध्यप्रदेश

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