रामपुर! दो जन्म प्रमाण पत्र मामले में आजम खां, उनकी पत्नी तजीन फात्मा और बेटे अब्दुल्ला आजम को सात साल की साज हो चुकी है। बुधवार शाम को उन्हें जेल भेज दिया गया। आजम परिवार के जेल जाने के पहले दिन उनसे मिलने कोई नहीं आया।
सपा के वरिष्ठ नेता को जेल में कैदी नंबर 338 मिला है। आजम खां रामपुर सीट से 10 बार विधायक, एक बार सांसद और चार बार कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। वहीं उनके बेटे पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम को कैदी संख्या 339 और पत्नी डाॅ. तजीन फात्मा को कैदी संख्या 340 आवांटित किया गया है। सपा के कद्दावर नेता आजम खां का सियासी सफर 40 साल पुराना है।
छात्र राजनीति से शुरू हुआ सियासी कॅरियर अब ढलान पर आ गया है। पिछले तीन साल से लगातार आजम खां सियासी विरोधियों के ऐसे निशाने पर आए कि वह संभल नहीं पाए। कभी उनके नाम की तूती बोलती थी। सपा सरकार में वह मिनी मुख्यमंत्री के रूप में भी प्रसिद्ध हुए। उन्होंने जौहर यूनिवर्सिटी बनाकर शिक्षा के क्षेत्र में भी काम किया।
वह यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति भी हैं। 40 साल के सियासी सफर में हालांकि उन्होंने कई सियासी उतार चढ़ाव देखे। मगर, अब ऐसा भी देखना होगा शायद इसकी कल्पना तो खुद आजम परिवार ने भी नहीं की होगी। दो जन्म प्रमाणपत्र के मामले में अदालत उन्हें सात साल की कैद सजा सुना चुकी है।
उनके साथ ही अदालत ने उनके बेटे अब्दुल्ला आजम व उनकी पत्नी डॉ. तजीन फात्मा को भी कोर्ट ने सजा सुनाई है। तीनों इस वक्त बुधवार से रामपुर जेल में बंद हैं। रामपुर जेल पहुंचने के बाद सभी कागजी कार्रवाई पूरी की जा चुकी है।
बृहस्पतिवार शाम को उनको व उनके परिवार के दोनों सदस्यों को कैदी नंबर भी आवंटित कर दिए गए। सपा नेता आजम खां को कैदी नंबर 338, अब्दुल्ला आजम को कैदी नंबर 339, जबकि उनकी पत्नी डा. तजीन फात्मा को कैदी नंबर 340 का तमगा दिया गया है।
आजम से मिलने नहीं पहुंचा कोई
जेल में बंद सपा नेता आजम खां और उनके परिवार से मिलने पहले दिन कोई नहीं पहुंचा। जेल अधीक्षक प्रशांत मौर्य ने बताया कि बृहस्पतिवार को जेल में उनसे मिलने कोई नहीं पहुंचा है। दिनभर आजम और अब्दुल्ला बैरक संख्या एक में ही रहे, जबकि उनकी पत्नी डाॅ. तजीन फात्मा महिला बैरक में रहीं।
जेल प्रशासन ने शासन को भेजी रिपोर्ट
रामपुर जेल में सपा नेता आजम खां के आने और उसके बाद यहां की संवेदनशीलता बढ़ने को लेकर जेल प्रशासन ने अपनी रिपोर्ट शासन को भेज दी है। जेल अधीक्षक का कहना है कि यह रिपोर्ट शासन को भेजी गई है। रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई होगी।