बरेली। कोरोना संक्रमण के चलते इस समय लोगों का जीवन संकट में पड़ा हुआ है, वहीं इस दौरान भी कई दुकानदार मुनाफाखोरी से बाज नहीं आ रहे है। जिम्मेदार अधिकारियों ने भी ऐसे दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई की जहमत नहीं उठाई है। कोराना महामारी को हराने के लिए प्रदेश सरकार ने वीकेंड लॉकडाउन का ऐलान व्यापारियों का वसूली कवच बन गया। गली मोहल्लों के दुकानदार लोगो पर रहम नही खाते हुये अवैध वसूली करने मे जुटे है। दरअसल पिछले साल भी कोरोना ने कहर ढाया था। छोटे किराना व्यापारी खूब उठा रहे हैं। थोक दुकानदारों से अधिक कीमत में सामान मिलने का हवाला देकर ग्राहकों को लूट रहे है। व्यापारियों ने किराना से लेकर वनस्पति घी, रिफाइंड, सरसों का तेल अपने गोदामों मे पहले से ही जमा कर रखा था। मौके का फायदा उठाकर जमकर लूट खसूट कर बैंको में लाखो जमा किए, वही दिन दोबारा फिर आ गया। अभी सरकार ने महामारी से बचने के लिए घरों में कैद करते हुये दो दिवसीय वीकेंड लॉकडाउन लगाया है। लेकिन किराना व्यापारी अपना रौद्र रूप दिखाने लगे। सरसों तेल रिफाइंड एक सौ पचास से 60 यहां तक की नकम की थैली भी 20 वाली 25 में, चीनी 38 से 40 में, दाले 120 से 135 तक ब्लैक कर बेची जा रही है। ऐसी घरलू उपयोग में आने वाली तमाम वस्तुओं पर व्यापारियों ने अवैध वसूली की छाप छोड़ दी है। ग्राहक दुकानदार से यह नहीं पूछ सकता कि यह पैसे किस बात के बढ़ाए गये है। दुकानदार ग्राहक पर हावी हो जाता है और कोरोना और लॉकडाउन का हवाला देकर ग्राहक की बोलती बंद कर देता है और महंगा माल मिलने का हवाला दे देता है। क्योकि जाने-माने व्यापारी कोरोना महामारी की दस्तक पर गोदाम का माल ब्रेक कर देते है फिर डबल दामों में छोटे मोटे दुकानदरों को बेचते है। यही दुकानदार ग्राहको से जमकर अवैध वसूली करके भारी मुनाफाखोरी करते है। सबसे अधिक वसूली मोहल्ले के छोटे दुकानदार कर रहे है और मनमर्जी से ग्राहकों का शोषण करने मे जुटे है। एक तरफ कोरोना महामारी और वीकेंड लॉकडाउन का कहर तो दूसरी तरफ ग्राहकों से अवैध वसूली प्रशासन की कार्यशैली पर उंगली उठाती है। लोग अवैध वसूली को लेकर दुकानों पर चीखते देखे गये। मुनाफाखोर व्यापारी इस महामारी का जमकर फायदा उठा रहे है।।
बरेली से कपिल यादव