बरेली। जनपद बदायूं मे दोहरे हत्याकांड के आरोपित 25 हजार के इनामी जावेद का समर्पण बेहद नाटकीय रहा। इस बीच एक और चौंकाने वाला घटनाक्रम हुआ। जनपद के थाना बारादरी मे जावेद के समर्पण के बाद बदायूं पुलिस उसे लेकर चली गई। जिसके बाद चार घंटे तक यह गहमागहमी रही कि आखिर जावेद बरेली पहुंचा कैसे? वीडियो बनाने वाले वह तीन व्यक्ति कौन थे? तीनों का नाम मददगारों के रूप मे जोड़ा गया। इस बीच पता चला कि इसी संदेह पर बदायूं पुलिस की टीम जावेद के साथ तीनों को लेकर भी गई है और पूछताछ कर रही है। इस बीच 11 बजे दो ऑटो चालक एसएसपी कार्यालय पहुंचे। एसएसपी के बारे मे जानकारी की। पता चला कि वह चुनाव कार्य के संबंध मे है। इस पर दोनों एसपी क्राइम मुकेश प्रताप सिंह के समक्ष पेश हुए। ऑटो चालक ने पेश होते ही कहा कि साहब, हमने ही जावेद को पकड़कर पुलिस को दिया है। हम पुलिस के मददगार बने है। ऐसे में हमारा इनाम तो बनता है। दोनों की बातें सुनकर एसपी क्राइम भी अचरज में पड़ गए। उन्होंने एसएसपी घुले सुशील चंद्रभान को पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी। एसपी क्राइम के समक्ष पेश होकर जब दोनों ऑटो चालक बाहर निकले। तब लोगों को भी यह बात बताई जिससे पूरी कहानी चर्चा का विषय बन गई। आरोपित जावेद का एक मिनट 51 सेकेंड का इंटरनेट मीडिया पर एक वीडियो प्रसारित हुआ जिसमे वह पूरी कहानी बयां कर रहा है। भोर में हुए यह घटनाक्रम मीडिया में सुर्खियों का विषय बन गया। बावजूद अफसर आरोपित जावेद के पकड़े जाने जैसी जानकारी से अनभिज्ञता जताते नजर आए। बात बिगड़ती देख अफसरों ने आनन-फानन मे जावेद के आत्मसमर्पण करने व बदायूं पुलिस द्वारा उसे ले जाने की बात कही।।
बरेली से कपिल यादव