लगातार तीन घण्टे की विद्यार्थियों और कॉलेज प्रशासन के बीच चली बातचीत
रोहतक/हरियाणा- आज छात्र एकता मंच रोहतक इकाई के नेतृत्व में हॉस्टल की बकाया फीस वापस लेने के लिए कॉलेज प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया। आज काॅलेज की छात्र छात्राएं नेकीराम काॅलेज की नई बिल्डिंग के सामने वाले पार्क में इकट्ठे हुए और प्राचार्या महोदया के ऑफिस में जाकर घंटो तक डेरा डाले बैठे रहे। कॉलेज प्रिंसिपल के ऑफिस में ही जनसभा का आयोजन किया गया। आपको बता दें कि फरवरी 2021 में छात्र-छात्राओं को हॉस्टल दिए गए थे जिसकी 7 महीनों की फीस छात्र-छात्राओं ने 15660 रुपए प्रति छात्र जमा करवाई थी लेकिन लॉकडाऊन के कारण हरियाणा सरकार के आदेशानुसार कॉलेज प्रशासन ने अप्रैल महीने में ही हॉस्टल बंद कर दिए थे। कुल मिलाकर विद्यार्थी हॉस्टल में ज्यादा से ज्यादा 4 महीने ही रहे जबकि फीस 7 महीनों की ली गई थी। नेकीराम काॅलेज की छात्र छात्राएं अपनी बकाया हॉस्टल फीस के लिए कई बार काॅलेज प्रशासन से मिल चुके हैं। लेकिन कॉलेज प्राचार्या ने कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं दिया।
कॉलेज की छात्रा सिमरन ने कहा कि कॉलेज प्रशासन ने सरकार के आदेशानुसार हॉस्टल तो खोल दिए हैं लेकिन छात्र-छात्राओं की बकाया फीस को लेकर कोई बात तक नहीं की जा रही।
छात्र एकता मंच रोहतक इकाई के जिलाध्यक्ष अमनप्रीत विद्यार्थी ने बताया कि कॉलेज प्रशासन सैकड़ों छात्र-छात्राओं की जेब काटने की फिराक में है। कॉलेज प्राचार्या से लेकर अलग-अलग नुमाईंदों का मासिक वेतन लाखों रुपए होने के बावजूद ये छात्र-छात्राओं के माँ बाप की मेहनत की कमाई से अपनी जेब भरने की कोशिश कर रहे हैं।
कॉलेज प्रशासन के साथ तीन घण्टे की लम्बी बातचीत के बाद ही कॉलेज प्रशासन छात्र-छात्राओं की हॉस्टल की बकाया फीस देने को लेकर सहमत हुआ। छात्र-छात्राओं के लम्बे संघर्ष के बाद ही ऐसा सम्भव हो पाया।
अभी कॉलेज प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि 2 दिन के भीतर विद्यार्थियों के पक्ष में फैसला सुनाया जाएगा।
आगे छात्र एकता मंच की प्रदेश महासचिव मनीषा आजाद ने कहा कि यदि कॉलेज प्रशासन 2 दिन तक छात्र-छात्राओं के हक में फैसला नहीं सुनाता है तो हम आगे आंदोलन को तेज करेंगें।
हॉस्टल की समस्या का मुख्य कारण हॉस्टल में कार्यरत कर्मचारियों को ठेका प्रथा के तहत नौकरी पर रखना है, क्योंकि हॉस्टल कर्मचारियों की तनख्वाह छात्र-छात्राओं की जेब से ही कॉलेज प्रशासन देता है। बल्कि होना यह चाहिए कि सरकार द्वारा ठेका प्रथा को हटा दिया जाना चाहिए और हॉस्टल कर्मचारियों को स्थाई नौकरी पर लिया जाना चाहिए जिनकी तनख्वाह सरकार द्वारा दी जानी चाहिए यहीं सरकार की जिम्मेदारी भी बनती है।
इस विरोध प्रदर्शन में लगभग 100 छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया।
मुख्य तौर पर प्रिया, सिमरन, आँचल, रवि, भीम, नीतीश, निखिल, राहुल, नरेश, मनीषा व अन्य छात्र-छात्राएं शामिल रहें।
मुख्य माँगें :-
- हॉस्टल की बकाया फीस को वापस करो !
- हरियाणा सरकार सभी हॉस्टल कर्मचारियों को पक्का करो।
- हरियाणा सरकार छात्र-छात्राओं की जेब से वसूलने की बजाय हॉस्टल कर्मचारियों की तनख्वाह दो!