दिल्ली- चुनावी बॉन्ड मामले से जुडी बड़ी खबर आ रही है। इस मामले में SBI के तरफ से दायर याचिका पर सोमवार यानी 11 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जहां, याचिकाकर्ता की तरफ से पेश हुए सीनियर वकील हरीश साल्वे ने इस मामले की जानकारी देने के लिए सीजेआई से और वक्त मांगा है। हालांकि, इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बांड की जानकारी का खुलासा करने के लिए समय मांगने वाली SBI की अर्जी खारिज कर दी। साथ ही फैसले में एसबीआई को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर कल कामकाजी समय बंद होने से पहले चुनावी बांड की जानकारी नहीं दी गई तो आपके खिलाफ कोर्ट अवमानना की कार्यवाही शुरू करेगा।कोर्ट में साल्वे ने कहा कि, “SBI की एकमात्र समस्या यह है कि वह पूरी प्रक्रिया को उलटने की कोशिश कर रहा है। SOP ने सुनिश्चित किया कि हमारे कोर बैंकिंग सिस्टम और बांड नंबर में खरीदार का कोई नाम नहीं था। हमें बताया गया कि इसे गुप्त रखा जाना चाहिए। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने SBI से कहा कि उसने अपने फैसले में बैंक से मिलान अभ्यास करने के लिए नहीं कहा है, बल्कि स्पष्ट खुलासा करने का निर्देश दिया है। इसलिए मिलान अभ्यास समय मांगने का बहाना उचित नहीं है, हमने आपको ऐसा करने का निर्देश दिया ही नहीं है।सीजेआई ने आगे SBI से सवाल किया कि वह कोर्ट के फैसले का अनुपालन क्यों नहीं कर रहे हैं। FAQ में ही दिखाया गया है कि हर खरीद के लिए एक अलग केवाईसी है। सभी विवरण सीलबंद लिफाफे में हैं और आपको बस उसे खोलकर अपने डोनर्स का विवरण देना है। ऐसे में कोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज करते हुए कल कामकाजी समय बंद होने से पहले चुनावी बांड की जानकारी देने का आदेश दिया है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर कल कामकाजी समय बंद होने से पहले चुनावी बांड की जानकारी नहीं दी गई तो वह एसबीआई के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू करेगा। साथ ही चुनाव आयोग को भी निर्देश दिया कि, “15 मार्च तक आयोग अपनी वेबसाइट पर SBI द्वारा दिए गए विवरण को पब्लिश करे।बता दें, इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में 5 जजों की बेंच सुनवाई कर रही है, जिसमें चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ के साथ जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा जैसे बड़े नाम शामिल हैं।गौरतलब है कि,15 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द कर दिया था। कोर्ट ने इसे ‘‘असंवैधानिक’’ करार देते हुए निर्वाचन आयोग को चंदा देने वालों से लेकर चंदे के रूप में दी गई राशि और प्राप्तकर्ताओं का पूरा विवरण आगामी 13 मार्च तक देने का आदेश दिया था। कोर्ट ने योजना को तुरंत बंद करने का आदेश देते हुए अधिकृत बैंक एसबीआई को 12 अप्रैल 2019 से खरीदे गए चुनावी बॉन्ड का विवरण 6 मार्च तक निर्वाचन आयोग को सौंपने का आदेश दिया था। साथ ही, आयोग को भी आदेश दिया था कि वो अपनी वेबसाइट पर 13 मार्च तक यह जानकारी प्रकाशित करे। जिसके बाद SBI ने इसके लिए 30 जून तक समय बढ़ाने की मांग करते हुए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था।
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