बरेली। चांद का दीदार होते ही मुस्लिम धर्मावलंबियों का एक महीना तक चलने वाला पवित्र रोजा का आगाज हो गया। चेतना और जागरूकता के महापर्व को लेकर मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में उल्लास और उमंग का वातावरण है। मस्जिदों में नमाजियों की भीड़ उमड़ने लगी है। चांद दिखते ही तरावीह भी शुरू हो गई है। शहर के सभी मस्जिदों के अलावा कुछ अन्य स्थानों पर भी तरावीह की नमाज हो रही है। सोमवार को रमजान का चांद देखने के बाद लोगों ने एक-दूसरे को रमजान महीने की मुबारकबाद दी। दरगाह आला हजरत स्थित दारुल इफ्ता की रोयत-ए-हिलाल कमेटी की ओर से चांद की तस्दीक कर दी। मंगलवार को पहले रमजान का एलान कर दिया। सहरी की तैयारी मे लोग शाम को ही बाजार मे खरीदारी को पहुंच गए थे। मगरिब नमाज बाद आसमान में चांद दिखते ही शहर के सैलानी, बिहारीपुर, किला, स्वालेनगर, कोहाड़ापीर, पुराना शहर, मलूकपुर आदि मुस्लिम इलाके गुलजार हो गए। इसके साथ ही मस्जिदों में तरावीह की नमाज अदा की गई। दरगाह आला हजरत के मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी ने बताया कि रमजान का चांद नजर आते ही रोजे रखने का आगाज रहमत के आशुरे से हो गया। इसके साथ ही शहर भर की सभी दरगाहों, खानकाहों व मस्जिदों में रमजान में पढ़ी जाने वाली विशेष नमाज-ए-तरावीह भी शुरू हो गई। दरगाह प्रमुख मौलाना सुब्हानी मियां व सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन मियां ने सभी को मुकद्दस माह रमजान की मुबारकबाद दी है। सज्जादननशीन मुफ्ती अहसन मियां ने कहा कि मुसलमान इस मुबारक माह मे ज्यादा से ज्यादा इल्में दीन सीखे। दरगाह की ओर से जारी रमजान जंत्री (कलेंडर) में उर्दू के साथ अंग्रेजी तिथि व सहरी का अंतिम समय, इफ्तार का समय दिया गया है। मुसलमानों के लिए यह महीना इसलिए अफजल है कि रमजान के महीना में ही अल्लाह ने कुरान ए पाक को नोजूल फरमाया है।।
बरेली से कपिल यादव