बरेली। नगर निगम मे सड़क निर्माण घोटाले का पुराना नाता रहा है। सड़क निर्माण व कच्ची गलियों को पक्का करने मे मैटेरियल की गुणवत्ता ठीक न होने से छह महीने मे ही सड़क व गलियां उधडने लगी है। पार्षदों द्वारा महापौर से शिकायत करने पर एई और जेई को भी संलिप्तता के अंदेशे के चलते नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया था। एई-जेई द्वारा संतुष्ट जवाब न दे पाने पर दोनों पर कार्यवाही की संभावना जताई जा रही है। वही मेयर उमेश गौतम और निर्माण विभाग के महाप्रबंधक के बीच चली लम्बी वार्ता से कयास लगाए जा रहे है कि जल्द ही कार्रवाई हो सकती है। नगर निगम में चहेते ठेकेदारों को टेंडर देकर मनमानी की जा रही है। ठेकेदारों द्वारा सड़क निर्माण में घटिया मैटेरियल का इस्तेमाल जमकर हो रहा है। अफसरों और बाबुओं से सांठगांठ करके मोटा कमीशन तय करके ठेकेदारों के कार्यो की न तो मॉनीटरिंग ही होती है और न ही सर्वे होता है। जिस कारण कमीशन के खेल के चलते बाबू ठेकेदारों को पूरा भुगतान भी करवा देते हैं। शिकायत मिलने पर उमेश गौतम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए महाप्रबंधक के बीच लम्बी बातचीत की। जिससे कयास लगाए जा रहे है कि एक दो दिन मे ठेकेदारों को ब्लैक लिस्टेड करने के साथ ही जेई और एई पर कार्यवाही की जा सकती है। इसकी जानकारी शासन तक पहुंचा दी गई है। माना जा रहा है कि यदि निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ जांच की जाए तो कईयों की गर्दने फंसनी तय है।।
बरेली से कपिल यादव