बरेली। गुरुवार को भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान इज्जतनगर मे उत्तर प्रदेश मे लम्पी बीमारी की रोकथाम पर चर्चा के लिए बैठक का आयोजन हुआ। बैठक की अध्यक्षता प्रमुख सचिव, दुग्ध विकास पशुधन एवं मत्स्य विभाग, उत्तर प्रदेश की अध्यक्षता मे हुई। इसमें आईवीआरआई के निदेशक डॉ. त्रिवेणी दत्त समेत उत्तर प्रदेश के पशुपालन विभाग के निदेशकों तथा संयुक्त निदेशकों ने भाग लिया। प्रमुख सचिव रविन्द्र ने लम्पी स्किन बीमारी के बारे में संस्थान के निदेशकों तथा वैज्ञानिकों से विस्तार में चर्चा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 1.9 करोड़ पशुओं की संख्या है तथा इनके बचाव के लिए प्रदेश के किन-किन क्षेत्रों में सर्वप्रथम टीकाकरण किया जाये। इसके अलावा उन्होंने संस्थान से आईवीआरआई द्वारा विकसित लम्पी प्रो वैक वैक्सीन की बाजार मे उपलब्धता के बारे में प्रश्न किया। संस्थान के निदेशक डॉ. त्रिवेणी दत्त ने लम्पी प्रो वैक वैक्सीन की उपलब्धता के बारे मे बताया कि इस पर अभी फील्ड परीक्षण चल रहा है तथा इसकी उपलब्धता होने में अभी दो से 12 महीने तक का समय लग सकता है। वही 88 तकनीकी विकसित की हैं जिसमें से 46 तकनीकों को 159 वाणिज्यक घरानों को हस्तांतरित किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त संस्थान ने दो पशुओं की दो प्रजाति वृंदावनी तथा लैण्डरस को विकसित किया है तथा रूहेलखण्डी बकरी तथा सूकर की घुर्रा प्रजाति को पंजीकृत किया है। संस्थान ने 64 आईसीटी टूल्स विकसित किये हैं जिनका प्रयोग 134 देशों में हो रहा है। उन्होंने इस अवसर पर संस्थान के सम विश्वविद्यालय द्वारा चलाये जा रहे पाठ्यक्रमों के बारे में भी चर्चा की। राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान के निदेशक डॉ. नवीन कुमार ने बताया कि लम्पी स्किन बीमारी से बचाव के लिए सर्वप्रथम नेपाल से सटे गांव से टीकाकरण प्रारंभ किया जाये। कार्यक्रम का संचालन व धन्यवाद कैडराड के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. गौरव शर्मा ने किया। इस दौरान संस्थान के संयुक्त निदेशक, शैक्षणिक डॉ. एस.के. मेंदीरत्ता, संयुक्त निदेशक, प्रसार शिक्षा, डॉ. रूपसी तिवारी सहित, उत्तर प्रदेश के पशुपालन विभाग के डॉ. मनोज अग्रवाल अपर निदेशक-द्वितीय, डॉ. पी.एन.सिंह, निदेशक रोग नियंत्रण एवं प्रक्षेत्र, डॉ. गोपेश श्रीवास्तव, संयुक्त निदेशक, रोग नियंत्रण, डॉ. एम.आई.खान, संयुक्त निदेशक, ईपीडी, डॉ. राहुल चन्द्रा, उपनिदेशक, डॉ. मेघ श्याम, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी तथा डॉ. मोनिका गुप्ता उप-मुख्य पशु चिकित्साधिकारी सहित संस्थान के विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्षों तथा वरिष्ठ वैज्ञानिक शामिल हुए।।
बरेली से कपिल यादव