कालपी(जालौन) – सरकारी राशन का बन्दरबाँट निश्चित तौर पर एक बड़ी समस्या है जिसका पूर्णतया समाधान कर पाना सरकारों के लिए हमेशा बड़ी चुनौती रही है। बीते समय पहले इलेक्ट्रॉनिक मशीन में इंट्री करने के बाद ही खाद्यान्न वितरण की प्रक्रिया पूर्ण करने के आदेश किये गए थे किंतु ऊपरी आमदनी के पूर्णतया समाप्त हो जाने के भय के कारण जिम्मेदार नही चाहते कि यह प्रक्रिया लागू हो, किन्तु सरकार की आंखों में धूल झोंकने के लिए अधिकतर कोटेदार मशीन में ग्राहक का अंगूठा तो लगवाते हैं किंतु मशीन से निकलने वाली खाद्यान्न वितरण के विवरण की स्लिप को स्वयं के पास ही रख लेते हैं जिससे ग्राहक को पता ही नही चलता कि उसे कितना खाद्यान्न मिलना चाहिए था और कितना दिया गया। आज पूर्ति विभाग द्वारा सरकारी राशन की दुकानों में चेकिंग की गयी। नतीजतन गरीबों के सरकारी गल्ले में हो रही धांधली सामने आ गयी, कोटेदारों द्वारा की जा रही लापरवाही से स्पष्ट है कि अधिकांश कोटेदार निश्चित तौर पर सरकार की आंखों में धूल झोंकने का कार्य करने में लगे हुए हैं।
पूर्ति मंत्रालय के आदेश पर क्षेत्रीय पूर्ति अधिकारी अजीत यादव द्वारा सख्ती से करवाई गई क्रश चेकिंग में सरकारी राशन की दुकानों में अफरातफरी मच गई, कुछ शातिर किस्म के कोटेदार धड़ाधड़ शटर गिराकर रफूचक्कर हो गए। फिर भी कुछ कोटेदार अचानक की गई चेकिंग में फंस गए जिसमे राजेन्द्र नारायण शुक्ला की दुकान में ज्यादातर खाद्यान्न बिना मशीन के वितरित किया गया था अतः राजेन्द्र नारायण शुक्ला की दुकान को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया तथा ग्राहकों को परेशानी ना हो इस कारण समीप की प्रधान सिंह की दुकान में अटैच कर दिया गया। इसी प्रकार कमियां पाए जाने पर लक्षीराम की दुकान की जमानत राशि जब्त कर ली गयी व प्राप्त जानकारी के अनुसार करीब 4 विक्रेताओं को नोटिस थमा दिए गए।
-अभिषेक कुशवाहा