कोरोना से जितना कम घबराएंगे उतना ही अस्पताल जाने से बचे रहेंगे

बरेली। कोरोना की दूसरी लहर तेजी लोगों को अपने आगोश में ले रही है। संक्रमित केस बढने के आकड़े काफी डरावने होते जा रहे हैं। ऐसे में संक्रमण की पुष्टि होने पर लोग काफी घबरा रहे है। यही घबराहट लोगों को अस्पताल तक ले जा रही है। ज्यादा घबराने से लोगों मे ऑक्सीजन लेेबल चार फीसदी तक कम होता है। जिससे मरीज को तो दिक्कत होती ही है, साथ ही संक्रमण मरीज पर और भी ज्यादा बुरा असर डालता है। कोरोना वायरस को लेकर त्राहि-त्राहि के बीच लोगों में ऑक्सीजन घटने का डर हावी है। आपको मालूम होना चाहिए कि ऑक्सीजन का सेचुरेशन लेवल बहुत हद तक आपकी अवस्था या स्थिति पर भी निर्भर करता है। जब आप घबराए हुए होते हैं तो ऑक्सीजन चार फीसद तक कम हो सकता है। ऐसे में बहुत जरूरी है कि ऑक्सीजन के सेचुरेशन लेवल को लेकर सतर्कता तो बरतें लेकिन बहुत परेशान कतई न हो। कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन लेबल घटने का डर संक्रमितों के साथ-साथ तीमारदारों में हावी है। इसकी एक वजह अनभिज्ञता भी है। ज्यादातर लोगों को पता ही नहीं है कि ऑक्सीजन का लेबल बहुत हद तक अवस्था या स्थिति पर भी निर्भर करता है। जब लोग घबराएं हुए होते हैं, तो ऑक्सीजन चार फीसद तक कम हो सकता है। इसलिए ऑक्सीजन लेबल को लेकर पूरी तरह से सतर्कता को लेकर सावधानी बरतने की जरूरत है और संक्रमण की अचानक जानकारी होने और थोड़ी बहुत तबियत खराब होने पर भी परेशान न हो। संक्रमण के इस दौरान में पल्स ऑक्सीमीटर घरों की जरूरत बन गया है। ऑक्सीजन के इस संकट में लोग प्रत्येक घंटे ऑक्सीजन का स्तर नाप कर अपने दिल की धड़कन बढ़ा रहे है। जानकारों दावा कर रहे हैं कि जितनी ज्यादा घबराहट होती है। उससे ऑक्सीजन उतना ही घटता है। घबराहट होने पर कभी-कभी पांच से छह प्रतिशत तक ऑक्सीजन लेबल में गिरावट आ जाती है। यही वजह है कि डॉक्टर ऑक्सीमीटर का इस्तेमाल कम करने की सलाह दे रहे है। डॉक्टरों का कहना है कि मरीज अपना ऑक्सीजन लेबल करने के लिए जिस चीज का भी इस्तमाल कर रहे हैं। उसका इस्तमाल करते रहे। लेकिन हर घर घंटे ऑक्सीजन लेबल नापने से बचे। ऑक्सीमीटर का इस्तमाल दिन में दिन से चार बार ही करे। जितनी ज्यादा घबराहट होती है उससे ऑक्सीजन घटता है। कभी-कभी इससे दो से चार प्रतिशत की गिरावट तक आ जाती है यानी मरीज पहले ठीक भी रहता है तो अकारण ही उसकी तकलीफ बढ़ जाती है। कोरोना संक्रमण के इस दौर में घबराना बिल्कुल नहीं है। घबराएंगे नहीं तो अस्पताल जाने की जरूरत शायद नहीं पड़ेगी।।

बरेली से कपिल यादव

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