फतेहगंज पश्चिमी, बरेली। नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन एक बार फिर तेज हो गया है। बुधवार को किसान काला दिवस मना रहे हैं। इसके तहत जिले और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रो में किसानों ने घरों पर काले झंडे लगाए और घर-घर प्रदर्शन किया। किसानों ने कृषि कानून वापस लेने की मांग करते हुए कई गावों में काले झंडे लेकर किया प्रदर्शन। विरोध प्रदर्शन के छह महीने पूरे होने पर बुधवार को जिले मे किसान संगठनों की ओर से काला दिवस मनाया गया। संसद में पारित कृषि कानून को वापस लेने की मांग करते हुए छतों और वाहनों पर काले झंडे लगाये गये। किसानों ने कृषि कानून को किसान विरोधी बताते हुए केंद्र सरकार से इसे तत्काल वापस लेने की मांग की। दोपहर तक ज्यादातर जगहों पर विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्वक रहा। किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस प्रशासन के अफसर भी अलर्ट मोड पर रहे। किसान नेताओं ने बताया विरोध प्रदर्शन का मकसद सरकार को यह जताना है कि आंदोलन अभी कमजोर नहीं हुआ है। इसके अलावा रालोद ने केन्द्र सरकार द्वारा तीन कृषि कानूनों को निरस्त कराने हेतु किसान बॉर्डर पर छह माह हो गए सरकार इन किसानों की नही सुन रही है। इसी को देखते हुए संयुक्त किसान मोर्चा ने किसानों का समर्थन करते हुए चौधरी चरण सिंह पार्क में आंशिक धरना प्रदर्शन कर काला दिवस मनाया। रालोद के जिलाध्यक्ष बाकर अली, महानगर अध्यक्ष सर्वेश पाठक ने केन्द्र सरकार को कठघरे में खड़ा किया और कहा कि सरकार किसानों की विरोधी साबित हुई।महामहिम राष्ट्रपति से मांग की। सरकार को तुरन्त बर्खास्त किया जाये। सर्वेश पाठक ने उत्तर प्रदेश की सरकार पर निशाना साधा कहा कि इस सरकार में किसानों को खाद तक मुहैया नही कर पा रही है। किसानों का गेहूं केंद्रों पर सरकारी रेट में नही लिया जा रहा है। हर केंद्र पर बिचौलिया हावी है जो किसानों का शोषण कर रहे है। सरकार आंख मूंद कर सब तमाशा देख रही है। इस अवसर पर ओम पाल कश्यप एडबोकेट, हिमांशु गोस्वामी, रानू शर्मा, महेंद्र कुमार कमलजीत सिंह आदि रहे।।
बरेली से कपिल यादव