कथा सुनने से ही कल्याण नही होगा इस पर चिंतन करना भी आवश्यक- महामंडलेश्वर

बरेली। श्रीमद्भागवत की कथा देवताओं को भी दुर्लभ है। यह भागवत की कथा भगवान की कृपा से प्राप्त हो पाती है। श्रीमद्भागवत कथा सात दिन का एक ऐसा आयोजन है। जिसमें सात सौपान है। इनसे एक-एक करके हम हर सोपान पर बढ़ते जाते है। अंत मे अपने जीवन का लक्ष्य जान जाते हैं। कथा सुनने से ही कल्याण नही होगा इस पर चिंतन करना भी बेहद आवश्यक है। यह बातें त्रिवटीनाथ मंदिर प्रांगण मे कलश यात्रा के साथ सोमवार से शुरू हुई श्रीमद्भागवत कथा के पहले दिन कथा व्यास निरंजन पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि ने कही। कथा व्यास ने श्रद्धालुओं को कार्तिक मास की महत्ता के बारे में विस्तार से बताया कि शास्त्रों में कार्तिक मास का महत्व इसलिए ज्यादा है क्योंकि इस मास मे पूरे महीने भगवान विष्णु जल मे रहते है। इसलिए पुरानी परंपरा है कि महिलाएं-पुरुष कार्तिक स्नान कर दीपदान कर अपने को धन्य करते हैं। उन्होंने श्रद्धालुओं से इस बात की अपील भी की कि वे पुरानी परंपरा व धर्म का निर्वहन करते रहें ताकि हमारी संस्कृति बची रहे। इस दौरान मेयर डॉ.उमेश गौतम, मुख्य यजमान पूर्व विधायक पप्पू भरतौल, डॉ.अनिल शर्मा, पुनीत अग्रवाल, सुनील यादव, श्रुति गंगवार, प्रवीण अग्रवाल, धीरज पांडेय, उपसभापति सर्वेश रस्तोगी, लाल बाबा, विक्की भरतौल, देवांग अग्रवाल, आलोक आदि रहे।।

बरेली से कपिल यादव

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