*ओवरलोड़ में रामनगर कौहन खदान को नोटिस जारी होने के बाद भी ओवरलोडिंग जारी
फतेहपुर – सूबे की योगी आदित्यनाथ जी की सरकार सड़कों को गड्ढामुक्त करने के लिए प्रयासरत है लेकिन मौरंग से लदे ओवरलोड वाहन गड्ढायुक्त बना रहे हैं।
अच्छी खासी सड़कों की सेहत बिगड़ रही है।पिछले तीन महीने से जिले के असोथर क्षेत्र के रामनगर कौहन मौरंग खदान खंड – 2 शुरू होने के बाद से ही सड़कों असोथर वाया थरियांव , विजयीपुर , गाजीपुर पीडब्ल्यूडी की सड़कों पर दबाव बढ़ा है।
इन सड़कों में टैक्टर ट्राली तो ओवरलोड चलना तो एक आम बात ही हैं , पर खदान से मौरंग भर कर ट्रक व डंफर भी क्षमता से कई गुना अधिक मौरंग भरकर फर्राटा भर रहे हैं।
असोथर कस्बा सहित क्षेत्र के बीच से गुजरते ओवरलोड वाहनों के फंसने से प्रतिदिन घंटों जाम लगता है।प्रति वर्ष सरकार सड़कों पर इस उम्मीद से करोड़ों खर्च करती है कि यातायात का चक्का रफ्तार पकड़े लेकिन लापरवाह सिस्टम सड़क की दुर्दशा कराने में लगा है।
सड़कों की सेहत को नुकसान पहुंचाने में ओवरलोड वाहन व खाकी की मिलीभगत बेहद अहम है।ओवरलोड वाहन से खाकी सेटिंग कर अपनी जेब गरम कर रही है। इस समय नियम कायदों को ताक पर रख कर असोथर क्षेत्र की रामनगर कौहन मौरंग खदान खंड – 2 से मौरंग खनन कर डंपर व ट्रक वाहन दिन-रात ढोने में जुटे हैं। वाहनों की छत से करीब दो फिट ऊपर तक मौरंग भरकर फर्राटा भर रहे हैं।क्षमता से अधिक मौरंग भर कर जाने वाले ये वाहन जब सड़क से गुजरते हैं तो देखने वाले भी सहम जाते हैं।
बता दें कि गत वर्ष असोथर वाया गाजीपुर मार्ग बना था लेकिन इधर कुछ ही दिनों में ओवरलोडिंग के कारण कई जगहों पर मार्ग का सत्यानाश हो गया हैं ।
ओवरलोड़ मौरंग भर कर जाने वाले हैवी वाहनों के कारण आज यह सड़क जिले की ही नहीं बल्कि सूबे की सबसे जर्जर हालत में पहुँच गई हैं , फिर भी जिम्मेदार अधिकारी बेखबर हैं ।
यातायात भी होता प्रभावित:-
_असोथर क्षेत्र से ओवरलोड वाहन काफी संख्या में निकलते हैं। इससे यातायात भी प्रभावित होता है। असोथर जैसे छोटे से कस्बे में ट्रकों की लाइन लगी रहती है। इस कारण सड़क पर चलना भी खासा जोखिम भरा होता है। थाने की पुलिस को निगरानी के लिए भले ही लगाया जाता है लेकिन स्थानीय प्रशासन द्वारा ओवरलोड़ वाहनों पर कोई कार्रवाई कभी भी नहीं होती।
ओवरलोड मौरंग वाहनों की नहीं होती जांच :-
जिले के पुलिस प्रशासन के बड़े अधिकारी दोपहिया व चार पहिया वाहनों की चेकिंग का फरमान तो जारी करते हैं लेकिन ओवरलोड वाहनों पर कोई निर्देश नहीं दिया जाता जबकि असोथर थाने के सामने से ही प्रतिदिन ओवरलोड वाहन गुजरते हैं।
पुलिस ने थाने के सामने से ही प्रतिदिन गुजर रहे सैकड़ों वाहनों में से अब तक एक भी वाहन के विरुद्ध कार्रवाई नहीं की है।