एसटीएफ ने उत्तर प्रदेश पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा का पेपर लीक करने वाले गैंग का किया भंडाफोड़

लखनऊ: यूपी एसटीएफ ने उत्तर प्रदेश पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा का पेपर लीक करने वाले गैंग का भंडाफोड़ कर दिया है. एसटीएफ ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर पेपर लीक करने की पूरी साजिश से पर्दा उठाया है. पेपर लीक करने की जो स्क्रिप्ट लिखी गई है, वह किसी वेबसीरीज से कम नहीं है. डीजीपी प्रशांत कुमार ने शुक्रवार को बताया कि पुलिस भर्ती परीक्षा का पेपर लीक करने में ट्रांसपोर्ट कंपनी के कर्मचारी, डॉक्टर और पूर्व में कई प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक करवा चुके आरोपी शामिल हैं. एसटीएफ ने अभिषेक शुक्ला, शिवम गिरी और रोहित कुमार पांडेय को हिरासत में लेकर एसटीएफ पूछताछ कर रही है. डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि 17 व 18 फरवरी को हुए यूपी पुलिस भर्ती एग्जाम में दूसरी पाली का पेपर लीक किया गया था. जिसको लेकर परीक्षा रद्द करते हुए वाराणसी, मेरठ, आगरा समेत कई जिलों में 12 मुकदमे दर्ज किए गए थे. जिसमें करीब 54 लोगों की गिरफ्तारी की गई थी. इसके बाद यूपी एसटीएफ इन सभी 54 लोगों से जुड़ी कड़ियां को जोड़ते जोड़ते उन लोगों तक पहुंच गई, जिन्होंने पेपर को ट्रांसपोर्ट करने वाली कंपनी के अंदर से दो कोड के पेपर लीक किए थे. डीजीपी ने बताया कि अहमदाबाद स्थित ट्रांसपोर्ट कंपनी टीसीआई एक्सप्रेस में ट्रेनिंग एक्जीक्यूटिव अभिषेक शुक्ला ने पूछताछ में बताया कि वर्ष 2021 में उसकी मुलाकात प्रयागराज के अंकित मिश्रा से हुई थी, जिसने नोएडा के रवि अत्री से उसकी मुलाकात करवाई थी. इसी कंपनी में उसकी मुलाकात शिवम गिरी और रोहित पांडे से भी हुई थी. रवि अत्री को मालूम था कि यूपी में होने वाली कई भर्तियों के लिए एग्जाम पेपर ट्रांसपोर्ट कंपनी टीसीआई एक्सप्रेस में ही छपने के बाद जायेंगे. ऐसे में उसने पहले से ही रोहित, शिवम और अभिषेक को सतर्क कर दिया था कि यदि कोई पेपर आता है तो उसे बताया जाए. जिसके लिए 15 से 20 लाख रुपए दिए जाएंगे. डीजीपी ने बताया कि 1 फरवरी को शिवम गिरी ने अभिषेक शुक्ला को कॉल कर बताया कि कंपनी में यूपी पुलिस का माल आया है. जिसके बाद यह बात रवि अत्री को भी बताई गई, जिस पर अत्री ने बॉक्स की तस्वीर मंगवाई थी. 3 फरवरी को अभिषेक, रवि अत्री अहमदाबाद पहुंच गए. फोटो मिलने पर रवि ने वो फोटो पेपर लीक मामले के मास्टरमाइंड भोपाल निवासी राजीव नयन मिश्रा को भेज दी. राजीव ने अत्री से पेपर निकलवाने की बात कही. कहा, अगर यह काम हो गया तो उसे इतना पैसा मिलेगा कि जीवन भर कुछ और करने की जरूरत ही नहींं. इसके बाद राजीव भी अहमदाबाद पहुंच गया. राजीव नयन मिश्रा और रवि अत्री ने पेपर के बॉक्स को खोलने के लिए बिहार में रहने वाले एक्सपर्ट शुभम मंडल से संपर्क किया, जो पेशे से डॉक्टर है. मंडल भी अहमदाबाद पहुंच गया. मंडल को लेकर अभिषेक, रवि अत्री और राजीव नयन टीसीआई कम्पनी पहुंचे, जहां लहले से ही शिवम गिरी और रोहित मौजूद थे. मंडल ने बॉक्स खोला और फिर यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा के एग्जाम पेपर कोड नंबर दो की फोटो खींच ली. चौथे दिन यानि कि 8 फरवरी को कोड नम्बर एक का पेपर आने की सूचना मिलने पर सभी आरोपी दोबारा अहमदाबाद पहुंचे और फिर उसकी भी फोटो खींच कर वापस आ गए. परीक्षा के दो कोड के पेपर मिलने के बाद राजीव नयन मिश्रा और रवि अत्री ने विक्रम पहल, मोनू ढाकला, विक्रम दहिया, महेन्द्र शर्मा, गौरव चौधरी, मोनू पंडित, सतीश धनकड नेचर वेली रिसोर्ट का मालिक, नीटू निवासी वाजिदपुर, जनपद बागपत, धीरज उर्फ गोल्डी वालीबुड रेस्टोरेंट सोनीपत हरियाणा का मालिक को दिया था. जहां सभी प्रश्नों के उत्तर हाथ से लिखे गए थे. इतना ही नहीं नेचर वेली रिसोर्ट में बकायदा अभ्यर्थियों को आउट हुए पेपर के जवाब रटाए भी गए थे.डीजीपी ने बताया कि आरोपी राजीव नयन मिश्रा ने वर्ष-2021 में यूपी टीईटी का पेपर लीक कराया था. उस वक्त एसटीएफ ने उसे जेल भेजा था. इसके अलावा वह वर्ष 2023 में संविदा स्टाफ नर्स भर्ती परीक्षा, मध्यप्रदेश का पेपर लीक कर चुका है, जिसमें यह जेल जा चुका है. वहीं रवि अत्री ने एमबीबीएस किया है और 2015 में संविदा स्टाफ नर्स भर्ती परीक्षा, मध्यप्रदेश का पेपर लीक कराया था.

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