बरेली। रविवार को फतेहगंज पश्चिमी के स्मैक तस्कर शाहिद उर्फ कल्लू डॉन से दोस्ती निभाने वाले दरोगा समेत तीन पुलिसकर्मियों को एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने निलंबित कर दिया है। तीनों पुलिसकर्मियों पर आरोप है कि दर्जनों आपराधिक मुकदमे दर्ज होने के बावजूद तीनों ने तस्कर कल्लू का भुता थाने मे दर्ज एनडीपीएस एक्ट मामले से लेकर अन्य मामलों में मदद के लिए हर कदम पर साथ दिया। इससे पुलिस महकमे मे हड़कंप मच गया। अब तक एसएसपी करीब 80 से अधिक पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई कर चुके है। आपको बता दें कि थाना भुता मे तैनात दरोगा अपसार मियां, मुख्य आरक्षी चालक सुरेन्द्र सिंह और मुख्य आरक्षी एलआईयू रजबुल हुसैन ने कल्लू से दोस्ती निभाने के लिए अपने कर्तव्यों को भी ठेंगा दिखाया। तीनों पर आरोप है कि भुता पुलिस ने 2021 में कल्लू डॉन के साथी शाकिर, नसीम, सलीम को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार आरोपियों ने पुलिस को बताया था कि बरामद स्मैक कल्लू डॉन से लेकर आए थे। जिसमें कल्लू भी नामजद किया गया था, लेकिन दरोगा कल्लू की गिरफ्तारी के बजाय उससे दोस्ती निभाते रहे। तीनों ने अपने दायित्वों के विपरीत कार्य कर कर्तव्यपालन के प्रति घोर लापरवाही, शिथिलता, अनुशासनहीनता, स्वेच्छाचारिता समेत कदाचार का परिचय देने और तीनों की भूमिका साफ होने पर एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने रविवार को निलंबित कर दिया। दरोगा अपसार मियां पर आरोप है कि मामले में फरार चल रहे शाहिद उर्फ कल्लू डॉन की गिरफ्तारी के लिए दरोगा ने प्रयास नहीं किया। कल्लू ने कोर्ट में आत्मसमर्पण के लिए योजना बनाई। इस दौरान भी दरोगा कल्लू के भांजे मुजीब के संपर्क में निरंतर बने रहे। जो उससे पल-पल की जानकारियां जुटाते रहे। साथ ही पुलिस की तरफ से भी होने वाले हर कार्रवाई की जानकारी देते रहे। कल्लू पर करीब एक दर्जन से ज्यादा आपराधिक मुकदमे दर्ज होने के बाद भी शाम को एक साथ बैठक कर आगामी प्लान बनाते रहे। हद तो तब हो गई जब तीनों उसकी गिरफ्तारी के बजाय कल्लू को थानास्तर से होने वाली हर एक कार्रवाई की सूचना देने लगे। आरोप है कि कल्लू अपने बचाव के लिए दरोगा समेत तीनों पुलिसकर्मियों पर जमकर रुपये लुटाता था। हालांकि ये तीन तो सिर्फ मोहरा है। इनके पीछे अभी एक उच्चाधिकारी समेत अन्य लोग भी शामिल हैं। जिन्होंने कल्लू की हर तरह से मदद की। ऐसे सभी लोग एसएसपी के रडार पर है।।
बरेली से कपिल यादव