बरेली। श्रीराम मूर्ति स्मारक मेडिकल कॉलेज में भर्ती मरीज के पास आयुष्मान कार्ड होने के बाद भी उससे इलाज के नाम पर 1.84 लाख रुपये का बिल वसूला गया। मामले की शिकायत मानवाधिकार आयोग से की गई। जांच में आरोप सही पाए गए। इस पर एडीएम प्रशासन ने मेडिकल कॉलेज को तीन दिन के भीतर मरीज को धनराशि वापस करने के आदेश दिए गए है। शहर निवासी तुषार गोयल ने हार्ट अटैक पड़ने पर मां को 23 अगस्त को एसआरएमएस में भर्ती कराया था। मरीज की स्थिति गंभीर होने पर परिजनों से हार्ट में स्टंट डालने की बात कही गई। परिजनों ने मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को आयुष्मान का लाभार्थी होने की बात बताई लेकिन मरीज का इलाज उससे नही किया गया। आरोप है कि मेडिकल कालेज की ओर से उनकी मां के नाम पर 1.84 लाख रुपये का बिल बना दिया गया। तुषार ने इसकी शिकायत मानवाधिकार आयोग से की। आयुष्मान योजना के नोडल अधिकारी डा. केसी जोशी ने मामले की जांच की तो पता चला कि आयुष्मान मित्र अरमान को कार्ड के माध्यम से इलाज के लिए निर्देशित किया गया था। इसके बाद भी मेडिकल कॉलेज की ओर से बिल बनाया गया। मामले की जांच के दौरान एसआरएमएस के प्रतिनिधि सुनील चंद्रा और शिकायतकर्ता तुषार के बयान दर्ज हुए। जांच मे आरोपों की पुष्टि हुई। वही कॉलेज प्रबंधन ने भी चूक को स्वीकार किया। जिसके बाद एडीएम प्रशासन दिनेश ने मेडिकल कॉलेज को तीन दिन के भीतर 1.84 लाख रुपये तुषार के खाते में जमा करने के आदेश दिए। वही तय समयावधि मे रकम जमा न होने पर तीन गुना अधिक जुर्माना लगाने की चेतावनी भी दी है।।
बरेली से कपिल यादव