बरेली। साइबर अपराधों की बढ़ती घटनाओं को रोकने के उद्देश्य से एडीजी रमित शर्मा ने एक कार्यशाला फ्यूचर विश्वविद्यालय में आयोजित की। इसमें जोन के 9 जिलों से 200 से अधिक पुलिसकर्मियों ने भाग लिया। इसका मुख्य उद्देश्य साइबर सुरक्षा को लेकर पुलिसकर्मियों में जागरूकता और उनकी कार्यकुशलता बढ़ाना था। एडीजी ने कहा कि डिजिटल अरेस्ट जैसी कोई चीज नही होती है। कार्यशाला का शुभारंभ एडीजी रमित शर्मा और साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ राहुल मिश्रा ने दीप प्रज्वलन कर किया। इस दौरान मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष साइबर सुरक्षा की अहमियत पर जोर दिया गया। कार्यशाला का शीर्षक साइबर सुरक्षा सुदृढ़ीकरण साइबर अपराधों का मुकाबला करने के लिए पुलिसकर्मियों को सशक्त बनाना था। जिसमें पुलिसकर्मियों को नवीनतम तकनीकी ज्ञान और साइबर अपराध की पहचान, रोकथाम और जांच के तरीकों पर जानकारी दी गई। एडीजी रमित शर्मा ने कहा कि आज के डिजिटल युग में तकनीक ने जहां सुविधाएं बढ़ाई हैं, वहीं इसके दुरुपयोग से साइबर अपराध भी बढ़ रहे है। साइबर हेल्प डेस्क को अधिक सक्षम बनाने की बात की। उनका कहना था कि पुलिसकर्मियों को साइबर अपराध के हर पहलू को समझने और जनता को जागरूक करने में सक्षम होना चाहिए। विशेषज्ञ राहुल मिश्रा ने पुलिसकर्मियों को साइबर अपराधों की प्रकृति और उनके प्रकारों के बारे में विस्तार से बताया। कार्यशाला में फ्यूचर विश्वविद्यालय के चांसलर मुकेश गुप्ता, वाइस चांसलर प्रोफेसर पंकज कुमार मिश्रा, बरेली एसपी क्राइम मुकेश प्रताप सिंह, और जोन के अन्य अधिकारी मौजूद रहे। सभी ने इस पहल की सराहना की और भविष्य में भी इस तरह के आयोजन की आवश्यकता जताई। कार्यशाला मे फ्यूचर विश्वविद्यालय के चांसलर मुकेश गुप्ता, वाइस चांसलर प्रोफेसर पंकज कुमार मिश्रा, बरेली एसपी क्राइम मुकेश प्रताप सिंह, और जोन के अन्य अधिकारी मौजूद रहे। सभी ने इस पहल की सराहना की और भविष्य में भी इस तरह के आयोजन की आवश्यकता जताई।।
बरेली से कपिल यादव