एक दर्जन से ज्यादा कलेक्टर जरूर बदले, फिर भी वही झुनझुना थमा रहे हैं साहब

बाड़मेर/राजस्थान- बाड़मेर जिला मुख्यालय पर विराजमान सरकारी अधिकारियों के काम-काजी रवैया देखने के लिए आप कभी भी शिकायत प्रकोष्ठ में विराजमान कर्मचारियों के पास अपनी शिकायत पर प्रोग्रेस रिपोर्ट लेने आ जाओ लेकिन शायद अधिकारियों और कर्मचारियों ने तय कर लिया है की हमारी दुनिया में खलबली मचाने वाले आप होतें है कौन जब हम सरकार तक बदल सकते हैं तो फिर तुम किस खेत की मूली हो…….

जिला मुख्यालय पर जिलाधिकारियों द्वारा कलेक्ट्रेट परिसर में सुनवाइयों के लिए राजीव गांधी सेवा केन्द्र पर प्रत्येक माह के दूसरे गुरूवार को जनसुनवाई में आमजनों से मूलभूत समस्यायों का समाधान करने के लिए हमेशा की तरह आज से लगभग डेढ़ दशक पहले जनता से परिवाद लेकर आपकी शिकायतों पर मूलभूत सुविधाओं का लाभ जल्दी ही आपको मिलेगा, यह आश्वासन देने के लिए कलेक्ट्रेट में परिवाद को राज्य सरकार द्वारा शिकायतों का निपटारा करने के लिए राजस्थान सम्पर्क पोर्टल पर दर्ज कर सम्बंधित विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को तत्काल भेजा जाता है और फिर समयानुसार परिवादियों की समस्यायों का समाधान करते हैं। अधिकारियों और कर्मचारियों की हठधर्मिता के चलते कुछ परिवाद एक दो साल तक सिर्फ सरकारी टेबल और कम्प्यूटर पर इधर उधर माऊस के सहारे टेबल दर टेबल भटकते रहते हैं और समाधान करने के नाम पर होगी है कोरी खानापूर्ति।

फिर बेबस लाचार आदमी वापस थक हारकर एक नयी उम्मीद लेकर जिलाधिकारी के पास में की साहब हमारी शिकायत को तो रद्दी की टोकरी में डाल दिया है सम्बंधित विभागों के अधिकारियों ने….. ओर फिर से वही रेगना मूलभूत सुविधाओं की समस्यायों का जल्द होगा समाधान लेकिन वो शुभ घड़ी आएगी कब।❓

बाड़मेर जिला कलेक्टर और अधिकारियों की मौजूदगी में दिया गया फरियाद पर कार्यवाही करने के सम्बन्ध में कलेक्ट्रेट आफिस में मिलीभगत कर रद्दी की टोकरी में चली जाती है और सूचना के अधिकार कानून के अन्तर्गत पहली और दूसरी अपील पर भी कोई समाधान नहीं हुआ है तीसरे स्तर पर मुख्य सूचना आयुक्त के पास शिकायत ढूढने के साथ ही की गई कार्यवाही की प्रमाणित प्रति के लिए आवेदन किया गया है लेकिन इस ढर्रे का सुधार कब तक होगा।

राज्य सरकार के मुखिया अशोक गहलोत बार बार कहते हैं कि आमजनों की मूलभूत समस्यायों का त्वरित समाधान निचले स्तर पर ही अधिकारियो को करना चाहिए ताकि पीड़ित जयपुर हमारे पास में अपनी फरियाद लेकर नहीं आएं, ओर मुख्यालय पर विराजमान अधिकारियों द्वारा कामकाजी रवैया आपके सामने है।

जिलाधिकारी से आमजनों की मूलभूत समस्यायों का समाधान करने में सहयोग करने के लिए कालोनी वासियों ने बताया की सरकार बदलने के बाद भी बाड़मेर जिले में अधिकारियों और कर्मचारियों का काम-काज करने का तरीका नहीं बदला है और फिर सरकार की फजीहत होती है वह अलग से ….

बात करता हूं वर्तमान वार्ड नंबर तियालिस ओर पुराने वार्ड इकतीस नम्बर,दस पन्द्रह साल पहले अठ्ठाइस नम्बर में आज़ से दस-पंद्रह वर्षों पहले नगर परिषद द्वारा बनाई गई ग्रेवल सड़क सहित अन्य आसपास की सड़कों पर डामरीकरण करने और ग्रेवल सड़क के किनारे नालियों को टूटने के कारण वापस नयी बनवाने के लिए कालोनी वासियों ने जिले के आलाधिकारी ओर नगर परिषद के अधिकारियों और कर्मचारियों से लाखों मिन्नतें करने के बाद भी आज तक सिर्फ बजट के अभाव में अटकी पड़ी है जिम्मेदारी निभाने वाले सरकारी कर्मचारियों ने बताया कि हमारी तरफ से पूर्ण हैं लेकिन बजट के अभाव में सड़क बनाने का वर्क आर्डर जारी नहीं हुआ।

इस सम्बन्ध में ज्यादा जानकारी नगर परिषद के आयुक्त योगेश आचार्य ने बताया कि बाड़मेर जिला मुख्यालय पर विराजमान अधिकारियों को नगर परिषद का विस्तार करने के साथ ही मूलभूत सुविधाओं को करवाने की पूरी जानकारी है और सरकार द्वारा नगर परिषद को बजट आवंटित हुआ तो पहली प्राथमिकता से सड़कों का निर्माण कर डामरीकरण कर दिया जाएगा।

– राजस्थान से राजूचारण

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