उत्तराखंड! उत्तराखंड सिडकुल में जारी है भ्रष्टाचार व युवाओं का शोषण

उत्तराखंड/पौड़ी गढ़वाल-सिडकुल हरिद्वार देहरादून रुद्रपुर में कोई भी कंपनी हमारे युवाओं को शोषण करने में कोई कसर नही छोड़ रही है . सारे पूँजीपति बाहर से आकर हमारे युवाओं को उपयोग करके 1 – 2 साल में बाहर का रिश्ता दिखा देती है !
अब तो ऐसा लगने लगा है
हमारे उत्तराखंड सरकार(दोनोँ), प्रशासन और नेता और मीडिया का कद इन पूंजीपतियों के सामने कुछ है ही नही। 18 – 23 का युवा जब पढाई करने के बाद अपना भविष्य बनाने की सोचता है तो दुनियाभर की फॉर्मेलिटी (लिखित परीक्षा और मेडिकल) टेस्ट करके कंपनी उन युवाओं को ले लेती है।
1, 2 ,3 व 4 साल अनुभव / ट्रेनिंग का लैटर देकर उनको निकाल देती है । इसके बाद युवाओं का भविष्य बर्बाद युवा दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर । 18 -23 साल की उम्र ऐसी उम्र होती है । जिसमें सरकारी नौकरी लगने की ज्यादातर सम्भावनाये होती हैं । युवा किस्मत को कोसने व जिंदगी भर ऐसे ये पूँजीपतियों व ठेकेदारो की गुलामी करने को मजबूर , सिडकुल में कोई अरबपति , करोड़पति का बच्चा हो आएगा नही।
जो अभी आएगा एक गरीब का बच्चा ही आएगा। ये भी साबित हो जाता है की परिस्थितियों के सामने युवाओं हौसले भी टूट जाते हैं व ठेकेदारी प्रथा के विरुद्ध आज उत्तराखंड बहुत कम युवाओं को स्थाई रोजगार मिला है।बाकी सब ठेकेदारी विरुद्ध हैं
जिनको सैलेरी 6000 – 10 हजार तक मिलती है
जिसमें 3000 कमरे का किराया व बच्चों की फी व घरेलु खर्चे
इतनी त्याग तपस्या करने के बाद भी कोई भविष्य के लिये बचत नही
यहां तक की कभी भी
अपने लिये 50 गज का मकान भी नही बना सकते हैं । जिंदगी भर किराए में जर गुजर करना है
आखिर ऐसा कानून कब बनेगा
एक उत्तराखंड के युवा को सरकारी नौकरी नही तो प्राइवेट में ही ढंग से मिले
ठेकेदारी में स्थाईतौर पर मिले!
जिनकी सैलरी कम से कम 20 हजार हो !

-इन्द्रजीत सिंह असवाल,पौड़ी गढ़वाल

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

किसी भी समाचार से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है।समाचार का पूर्ण उत्तरदायित्व लेखक का ही होगा। विवाद की स्थिति में न्याय क्षेत्र बरेली होगा।