बरेली। गुरुवार को जिले भर मे ईद-उल-अजहा बकरीद का त्योहार अमन सौहार्द के साथ मनाया गया। मस्जिदों और ईदगाहों मे बकरीद की नमाज शांतिपूर्वक पढ़ी गई। मुल्क में अमन-चैन की दुआ के लिए हजारों हाथ उठे। ईदगाह और मस्जिदों में अमनो अमान की दुआ के साथ पढ़ी गई। सभी से मिल जुलकर ईद मनाने और किसी की भावनाओं को ठेस न पहुंचाने की अपील की गई। वही बरेली मे ईद उल अजहा पर ईदगाह पर बड़ी संख्या मे अकीदतमंदों ने नमाज अदा की। ईदगाह मे ईद-उल-अजहा की नमाज हजरत अल्लाहम मुफ़्ती, असहद रजा खां, सिबला कादरी शहजादे ताजुश्शरिया की सरपरस्ती मे सुबह 9:30 बजे अदा की गई। इसके साथ शहर की अन्य मस्जिदों व दरगाहों पर भी तय समय से नमाज अदा की गई। नमाज अदा करने के बाद सभी को एक दूसरे ने गले लगाकर बधाई दी। इस दौरान लोगो से अपील की गई कि कुर्बानी वाले जानवरों के अवशिष्ट को सड़कों पर न फेंके। उन्हें गड्ढे में गाड़ दे। साथ ही खुले में जानवरो की कुर्बानी न दे। तीन दिन तक कुर्बानी दी जाएगी। गुरुवार को बकरीद का त्योहार सौहार्द और उत्साह के माहौल में मनाया जा रहा है। सुबह के समय शहर की मस्जिदों और बाकरगंज स्थित ईदगाह में बड़ी संख्या मे लोगों ने नमाज अदा की। सुबह 9:30 बजे ईदगाह मे नमाज शुरू हुई। ईदगाह में सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की गई थी। वाहनों का आवागमन बैरिकेडिंग कर रोक दिया गया था। ईदगाह में काजी उल हिंदुस्तान मुफ्ती असजद रजा खां कादरी ने नमाज अदा कराई। शहर और मुल्क में अमन और तरक्की के लिए दुआ कराई। नमाज के बाद खुत्बा पढ़ते हुए कहा कि बकरीद का त्योहार हजरत इब्राहीम से जुड़ा है। मुल्क में अमन और भाईचारा होगा तो मुल्क की तरक्की होगी। सभी मिलजुल कर कार्य कर सकेंगे। कहा इस्लाम का मायने यही है कि सलामती, अमन और भाईचारा कायम हो। कौम की तरक्की के लिए इल्म भी जरूरी है। इसके बाद मुबारकबाद देने का सिलसिला शुरू हो गया। लोगों ने एक दूसरे को गले मिलकर ईद की मुबारकबाद दी। फिर जानवरों की कुर्बानी का दौर शुरू हो गया। गुरुवार की सुबह मस्जिदों और ईदगाह के आसपास कड़ी सुरक्षा के बंदोबस्त किए गए। ईदगाह पर हजारों की संख्या में नमाजी नमाज अदा करने पहुंचे।।
बरेली से कपिल यादव