बरेली। भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) सोमवार को 135 साल का हो गया। इस अवसर पर तीन दिवसीय स्थापना समारोह का आयोजन किया जा रहा है। संस्थान के निदेशक और कुलपति डॉ. त्रिवेणी दत्त ने फीता काटकर इस ऐतिहासिक समारोह का उद्घाटन किया। समारोह के उद्घाटन अवसर पर संस्थान के निदेशक एवं कुलपति डा.त्रिवेणी दत्त ने कहा कि पशुओं के उत्थान के साथ ही किसानों की आय बढ़ाने के लिए संस्थान नित नए शोध कर रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए आगामी वर्ष में दो एजुकेशन हब खोले जाएंगे। जिनमें पहला हिसार में तथा दूसरा गुवाहटी में प्रारंभ किया जाएगा। डॉ.त्रिवेणी दत्त ने कहा कि नई शिक्षा नीति के निर्देशों के तहत इस साल संस्थान में मास्टर इन बायोटेक्नोलॉजी, मास्टर इन वेटरनरी एनाटोमी तथा बीटेक इन फूड टेक्नोलॉजी पाठ्यक्रम शुरू करने की योजना है। इसके साथ ही उन्होंने संस्थान के 135 साल के सफर के बारे में भी सभी को जानकारी दी। संस्थान के पूर्व डायरेक्टर डॉ.चिंतामणि सिंह की उपलब्धियों के बारे में बताया। डॉ.चिंतामणि के 16 साल के कार्यकाल में ही संस्थान में पांच से बढ़कर 16 विभाग हुए, जो आज 19 है। उनके कार्यकाल में ही 1983 में संस्थान को डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा भी मिला। इस दौरान डा.एसके सिंह, डा.एसके मेंदीरत्ता, डा.रूपसी तिवारी, डा.सोहिनी डे, डा.नागेंद्र शर्मा, डा.एसके श्रीवास्तव, संजीवन प्रकाश, सुबोध नीरज आदि मौजूद रहे।।
बरेली से कपिल यादव