फतेहगंज पश्चिमी, बरेली। अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की साठगांठ से सरकारी योजनाओं मे किस कदर जनता का पैसा लुट रहा है। ऐसा ही एक मामला फतेहगंज पश्चिमी के गांव खिरका जगतपुर का अमृत सरोवर इसका सटीक उदाहरण है। कागजों मे इस अमृत सरोवर पर 28 लाख का भारी भरकम खर्च दिखाया गया है लेकिन मौके पर तालाब सूखा पड़ा है। जिसमें ऊंची-ऊंची घास जमी हुई है। आपको बता दें कि ब्लॉक फतेहगंज पश्चिमी क्षेत्र के गांव खिरका जगतपुर मे हुए भ्रष्टाचार की शिकायत गांव के ही लोगों ने शपथ पत्र और साक्ष्यों के साथ डीएम और सीडीओ से की है। ग्राम प्रधान और सचिव पर उच्चाधिकारियों की साठगांठ से अमृत सरोवर पर दिखाई गई खर्च 90 फीसदी से ज्यादा धनराशि हड़प जाने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की गई है। गांव के रूप बसंत समेत कई लोगों ने शपथ पत्र के साथ की गई शिकायत मे कहा है कि वर्ष 2022-23 मे सिंघाइया वाले तालाब को अमृ़त सरोवर मे तब्दील करने के लिए 28 लाख रुपये की धनराशि स्वीकृत हुई थी। ग्राम प्रधान और सचिव ने मनरेगा श्रमिकों से तालाब की खुदाई कराकर काम अधूरा छोड़ दिया। अब सरोवर का नामोनिशान तक मिट गया है। तालाब मे पानी के बजाय घास उगी हुई है। जल संचयन के साथ और जो व्यवस्थाएं होनी थी। बह भी नही की गई और पूरी स्वीकृत धनराशि को कागजों मे खर्च दिखा दिया। ग्राम प्रधान जितेंद्र गंगवार ने आरोपों को गलत बताते हुए कहा कि अमृत सरोवर के निर्माण के लिए सिर्फ दो लाख रुपये निकाले गए है। इसके सारे साक्ष्य भी है। उधर, गांव वालों की शिकायत पर डीसी मनरेगा गंगाराम वर्मा ने बीडीओ को जांच का आदेश दिया है और अमृत सरोवर का निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट देने को कहा है। डीसी मनरेगा ने बताया कि जांच रिपोर्ट में जो दोषी पाया जाएगा। उस पर कार्रवाई की जाएगी।।
बरेली से कपिल यादव