बाड़मेर / राजस्थान – राजस्थान में चुनावी समर के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। प्रदेश में लोगों का सरकारी काम-काज ठप कर एक के बाद एक कर्मचारी संघों का प्रदर्शन रोज़ नई नई चुनौती पेश कर रहा है। ताजा मामला राजस्थान राजस्व सेवा परिषद के अधिकारीयों और कर्मचारियों का है,जो बीते कुछ दिनों से अपनी लंबित मांगों को लेकर अट्ठाइस अगस्त से धरना प्रदर्शन कर रहे थे और अब कलमबंद सरकारी कार्यों का बहिष्कार कर धरने पर चले गए हैं। इस प्रदर्शन में राजस्थान राजस्व सेवा परिषद के तीनों घटक यानी राजस्थान तहसीलदार सेवा परिषद, राजस्थान कानूनगो संघ और राजस्थान पटवार संघ शामिल हैं।
ध्यान रहे कि जमीन से सम्बन्धित कार्यों के लिए हल्काधीश कहलाने वालों की ओर से केडर रिव्यू किए जाने और रिव्यू के हिसाब से पद बढ़ाए जाने, वेतन विसंगतियां दूर किए जाने सहित अन्य मांगें सरकार के सामने रखी गई हैं। इसको लेकर पूर्व में सरकार के साथ समझौता भी हो चुका है मगर अभी तक क्रियान्वयन नहीं होने पर अब फिर से सभी राजस्व कर्मचारी धरने पर बैठने को मजबूर हैं। इन हल्काधीशो ने सरकार को चेतावनी भी दी है कि अगर जल्द ही इनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो ये सभी कार्य बहिष्कार कर धरने पर बैठ जाएंगे।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक सोमवार से राजस्थान के अलग-अलग जिलों, तहसीलों और गावों कस्बों में ये सभी कर्मचारी धरना प्रदर्शन कर रहे थे। सभी जिला मुख्यालयों पर डीएम, एसडीएम को मुख्यमंत्री के ज्ञापन भी सौपें गए। बावजूद इसके जब सरकार द्वारा इन्हें कोई सकारात्मक पहल नहीं दिखाई दी तो इन सभी ने मिलकर अपने प्रदर्शन को और तेज करते हुए प्रदेशभर में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।
इन हल्काधीश धरनार्थियो ने बताया कि राजस्थान राजस्व सेवा परिषद और राज्य सरकार के मध्य 23 अप्रेल को मुख्यमंत्री आवास पर मुख्यमंत्री की उपस्थिति में एक लिखित समझौता हुआ था। तब सरकार ने जल्द ही कार्यान्वयन का आश्वासन दिया था। लेकिन आजतक एक भी मांग पूरी नहीं हुई है। जिसे लेकर हल्काधीश तहसील परिसरों में धरने पर बैठने को मजबूर हैं।
सरकार को आगाह करते हुए राजस्व सेवा परिषद की समस्त कार्यकारिणी के सदस्यों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें जल्द पूरी नहीं होती तो मजबूरन उनके द्वारा कार्य बहिष्कार किया जाएगा। जिसकी समस्त जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी।
क्या है राजस्व सेवा परिषद की मांगें ?
नायब तहसीलदार का पद शत प्रतिशत पदोन्नत पद घोषित करना।
सीधी भर्ती के आर.टी.एस. को सीधे तहसीलदार पद पर संस्थित करना।
पटवारी, भू अभिलेख निरीक्षक, नायब तहसीलदार व तहसीलदार का कैडर पुनर्गठन कर आवश्यकतानुसार नवीन पद सृजित किया जाना।
RAS कैडर का रिव्यू करवाए जाने तथा तहसीलदार से RAS के जूनियर स्केल में रिक्त पदों को डी.पी.सी/ तदर्थ पदोन्नति से भरे जाना।
पटवारी व भू अभिलेख निरीक्षक के लिए स्थाई स्पष्ट स्थानान्तरण नीति बनाये जाने का निर्णय।
पटवारी, भू-अभिलेख निरीक्षक, नायब तहसीलदार व तहसीलदार के वेतनमान का पूर्वनिर्धारण।
कानूनगो संघ के जिलाध्यक्ष तेजपाल सिंह ने मीडिया को बताया कि राजस्व परिषद और राज्य सरकार के बीच अप्रैल 2023 में हुए लिखित समझौते के अनुसार पदोन्नति, ट्रांसफर पॉलिसी और वेतन विसंगतियों को दूर करने की मांगों पर सहमति बनी थी, लेकिन इसके बावजूद भी सरकार ने समझौते का पालन नहीं किया है। इससे अधिकारी-कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त है।
बाड़मेर कलेक्ट्रेट परिसर में धरना स्थल पर चन्दन पवार तहसीलदार बाड़मेर ग्रामीण, श्याम सिंह चारण तहसीलदार बाड़मेर, माँगी लाल मीणा, रावत राम, देदा राम,पृथ्वी परमार, रणछोड़ दास सोनी नायब तहसीलदार, भूमि अधिकारी निरीक्षक सुमेर सिंह चारण, रूपा राम, सुमेर सिंह राठौड़, देवा राम, ओमप्रकाश विश्नोई, कैलाश चन्द सोनी, नवनीत शर्मा, तेजकरण चारण, सुनिता चौधरी, बाबू लाल चौधरी, भगवाना राम आफिस कानूनगो, रामा राम, देवी सिंह, प्रताप सिंह, गेमरा राम, विनोद माहिच, यशपाल डाबी और ममता चौधरी उपस्थित रहें।
– राजस्थान से राजूचारण