बरेली। फर्जी बार कोड के जरिए करोड़ों के राजस्व की चोरी करने वाले शराब माफिया बिल्डर अनेजा ग्रुप की 20.38 करोड़ की प्रापर्टी जब्त की गई है। माफिया की बरेली की संपत्तियों की जांच पड़ताल की जा रही है। अनेजा ग्रुप के पार्टनर माफियाओं पर भी शिकंजा कसना शुरू हो गया है। वह भी रडार पर है। ईडी से लेकर इनकम टैक्स समेत कई विभागों ने उनकी संपत्तियों को खंगालना शुरू कर दिया है। उनको नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। सहारनपुर की टपरी स्थित कोआपरेटिव कंपनी लिमिटेड की 20.38 करोड़ रुपये की संपत्तियों को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जब्त कर लिया है। आबकारी विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से फैक्ट्री से फर्जी बार कोड के जरिए शराब के ट्रकों को बाहर भेजा जा रहा था। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गठित एसआईटी और एसटीएफ ने जुलाई, 2021 में कंपनी के छह ठिकानों पर छापा मारकर अहम सुबूत जुटाए थे। ईडी ने कंपनी की 18 कृषि भूमि और बैंक खाते में जमा धनराशि को जब्त किया है। ईडी की जांच में सामने आया है कि कंपनी मालिकों ने एक ही गेट पास पर अवैध रूप से निर्मित देसी शराब की आपूर्ति के लिए डुप्लीकेट बार कोड और क्यूआर कोड बनाए। जीएसटी चोरी के इरादे से शराब को बिना किसी कागजी कार्यवाही के फैक्ट्री से निकाल कर जिलों की दुकानों में बेच दिया गया। एसटीएफ ने इस मामले का खुलासा करने के बाद शासन के निर्देश पर एसआईटी को जांच सौंपी गयी थी। एसआईटी ने अदालत में दाखिल किए आरोप पत्र मे उल्लेख किया था कि कंपनी द्वारा उत्पाद शुल्क बचाने के लिए अवैध रूप से शराब की निकासी के बाद उसे कानपुर, उन्नाव, बदायूं, संभल, बरेली और जौनपुर भेजा जा रहा था। एसटीएफ ने कंपनी के बरेली में माडल टाउन के रहने वाले मालिक प्रणय अनेजा, उनके शराब कारोबारी पार्टनर, आबकारी इंस्पेक्टर अरविंद वर्मा समेत कई लोगों को गिरफ्तार किया था। आबकारी विभाग के दस अधिकारी एवं कर्मचारी सस्पेंड हुए थे।।
बरेली से कपिल यादव