हनुमान मंदिर गैंगरेप के तीन आरोपी चढ़े पुलिस के हत्थे

सोनभद्र- बीते शनिवार को हनुमान मंदिर में अपने मंगेतर के साथ दर्शन करने आई डिबुलगंज की युवती के साथ बदमाशों ने मारपीट, लूटपाट एवं सामूहिक दुष्कर्म को अंजाम दिया था। जिसके बाद पीड़िता द्वारा अनपरा थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराई गई थी। अतः पीड़िता की तहरीर पर पुलिस ने मु0अ0सं0 36/18 धारा 376(घ),395,342,324,323 पंजीकृत कर आरोपियों की तलाश में सरगर्मी से लगी थी। अब इस घटना के 1 सप्ताह बाद पुलिस को तीन आरोपियों को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल हुई है। वहीं इस घटना को अंजाम देने में शरीक 5 लोग अभी भी फरार बताए जा रहे हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश पुलिस के संयुक्त अभियान से यह गिरफ्तारी संभव हो सकी है। बीते शनिवार को इस घटना के बाद पुलिस विभाग की काफी किरकिरी हो रही थी जहां एक और सामाजिक संगठनों द्वारा आरोपियों को पकड़ने का दबाव बनाया जा रहा था, वहीं स्थानीय लोग भी इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए इस पर कार्यवाही की मांग कर रहे थे। अतः अनपरा पुलिस एवं मोरवा पुलिस सरगर्मी से अपराधियों की तलाश में जुटी थी। जिसके तहत अनपरा एसएसओ अतुल कुमार सिंह मोरवा नगर निरीक्षक नरेंद्र सिंह रघुवंशी की मदद से संबंधित थाना क्षेत्रों में कबाड़ियों एवं डीजल चोरों पर नजर बनाए हुए थे एवं संदिग्धों को बैठाकर पूछताछ की जा रही थी। इसी कड़ी में पुलिस अधिकारियों को मुखबिर से सूचना प्राप्त हुई कि अपराधी खड़िया एवं अनपरा थाना क्षेत्र में कबाड़ी के कार्य में लिप्त हैं और ज्यादा वक़्त हनुमान मंदिर क्षेत्र के समीप जंगलों में व्यतीत करते हैं और सभी लोग अपराध के बाद से ही लापता है। अतः पुलिस द्वारा टीम गठित कर उनके संभावित ठिकानों पर छापेमारी करी गई और उन्हें कल देर रात इसमें सफलता प्राप्त हुई। पिपरी सीओ, अनपरा एसएचओ अतुल कुमार सिंह, मोरवा नगर निरीक्षक नरेंद्र सिंह रघुवंशी के साथ शुक्रवार शनिवार दरमियानी रात अपराधियों के संभावित ठिकानों पर छापेमारी की गई, जिसमें ग्राम बसनार से सुखदेव गोड़ पिता रामचंद्र गोड़, धर्मेंद्र बैगा पिता तेजबली बैगा एवं रामेश्वर सिंह उर्फ पौड़ी पिता रूप सिंह को उनके गृह निवास से गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं इस घटना को अंजाम देने वाले पांच आरोपी रामकरण पिता भदई बैगा निवासी बसनार, हरदेव पिता शीतल गोड़ निवासी बसनार, मिश्रीलाल पिता धनसिंह गोड़ निवासी बसनार, राममिलन पिता समयलाल गोंड निवासी चकरिया एवं जयराम पिता भदई गोड़ निवासी बसनार के अभी भी फरार बताए जा रहे हैं। जिनकी तलाश में टीमें लगातार छापेमारी कर रही है। सूत्रों की माने तो गिरफ्तार हुए आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है और पुलिस गिरफ्तार हुए आरोपियों से अन्य लोगों की जानकारी जुटाने एवं घटना में लूटे गए माल की बरामदगी करने में लगी हुई है। बहुत संभव है कि पूर्व में हुई इन घटनाओं में भी इन्हीं का हाथ होगा।
आतंक का पर्याय बन गए थे कबाड़ी
ऊर्जांचल क्षेत्र के लोगों के लिए आस्था का केंद्र कहे जाने वाले हनुमान मंदिर में लोगों को जाने में भय लगता था। आलम यह था कि अनियमित जाने पर उन्हें जान का खतरा सताता था। यह अपराधी जहां पहले कोयला, कबाड़ एवं डीजल के कार्यों में लिप्त रहते थे, वहीं अब इनका साहस इतना बढ़ गया था कि वह आम राहगीरों और पर्यटकों को लूटने एवं उनके साथ दुराचार करने से गुरेज नहीं करते थे। इन अपराधियों का इतना खौफ था कि लोग दिन में ही मंदिर जाना उचित समझते थे, परंतु अब इनकी गिरफ्तारी से लोगों ने चैन की सांस ली है।
आखिर इस क्षेत्र में क्यों पनप रहे हैं इस प्रकार के आपराधिक प्रवृत्ति के लोग
हनुमान मंदिर परिक्षेत्र के आसपास के घने जंगल और जंगल से सटी एनसीएल की कोल खदानें और अपराध करने के बाद दूसरे राज्य में भाग निकलने की सुविधा सीकेडी माफियाओं और अन्य अपराधियों के लिए यह क्षेत्र स्वर्ग बनाती है।

सुरक्षा के दृष्टिकोण से क्या हो सकता है विकल्प
स्थानीय लोगों का कहना है कि एनसीएल द्वारा लाखों रुपए का फंड हर साल सीएसआर योजना के तहत खर्च किया जाता है और क्योंकि इस पूरे क्षेत्र में हनुमान मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र बना हुआ है। तो इसके आसपास और आने-जाने के रास्तों पर एनसीएल द्वारा सिक्योरिटी गार्ड की मदद से सुरक्षा मुहैया कराई जाए। ताकि इस प्रकार के आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों पर लगाम लगाई जा सके।

रिपोर्टर-:सर्वदानन्द तिवारी सोनभद्र

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