पूर्णिया/बिहार- आखिर कब तक कोई महिला पारिवारिक हिंसा का शिकार होती रहेगी। कब तक महिला समाज और परिवार का कलह झेलती रहेगी। कौन महिला सुरक्षा की जिम्मेदारी लेगा । जोर जोर से ढोल पीटने वालो कभी सोचो वोट लेना ही सिर्फ राजनीति का मतलब नहीं होता। देश मे कितने कानून कितने अधिनियम बन चुके है महिला सुरक्षा के नाम पर, कितने गैर सरकारी संस्था महिला सुरक्षा के नाम कुकुरमुत्ते की तरह शहर और समाज मे फैल रहे है , पर इसका क्या सही मायने में असर पड़ता है। लोग महिला सुरक्षा को लेकर कब सजग होंगे।
ठीक इसी प्रकार की घटना पूर्णिया के सिपाही टोला, मधुबनी TPO अंतर्गत सुनने को मिली है। कल बुधवार शाम को फिर एक महिला मीनू कुमारी जिसकी शादी के अभी साल भी पूरे नही हुए थे । ससुराल वालों ने मिलकर उसकी हत्या कर दी। इस हत्या में उसके पति जो BSF में कार्यरत है उसका अहम रोल रहा । हत्या कर जब अपनी पत्नी के शव को ठिकाने लगाने के लिये उसके पति निकले तो लड़की के घर वालो ने उसे रास्ते मे ही सिपाही टोला डॉलर चौक स्तिथ महिला कॉलेज के पास रंगे हाथ पकड़ लिया। फिर शुरू हुआ फिल्मी स्टाइल से हंगामा और मार धाड़ । मधुबनी TPO में उग्र लोगो ने थाने में जाकर जम कर हंगामा किया ।कुछ असामाजिक तत्वो के द्वारा थाने के कुर्सी , टेबल, खिडकी ,दरवाजे, यहाँ तक कि पुलिस को गाली गलौज भी किया। मृतका मीनू कुमारी की हत्या किस वजह से हुई हैं इसकी सही जानकारी कोई देने को तैयार नही है। लड़की के भाई का कहना हैं कि मेरी बहन को ससुराल वालो के तरफ से मानसिक और शारिरिक प्रताड़ित किया जाता था। उसे बार बार छोटी मोटी बातो पर बुरी तरह से पीटा जाता था और कल अंत मे ससुराल वालों ने मिलकर उसकी हत्या कर दी। पड़ोसी से जानकारी मिली कि मेरी बहन की हत्या कर शव को ठिकाने लगाने के लिए जा रहा है। तब तक हम लोगो ने उसे रास्ते मे पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया पर पुलिस उल्टे हम लोगो को ही पकड़ कर बंद कर दिया है। मेरी बहन का अभी तक दाह संस्कार नही हो पाया है । इस विषय पर जब पुलिस से जानकारी ली तब उनका कहना है शव को बरामद कर हमलोगों ने उसका पोस्टमार्टम कर शव को घर वालो को सौप दिया है। परंतु मृतका मीनू कुमारी की भाई का कहना है जब हमलोगों का मतलब पूरा परिवार को पुलिस बेवजह गिरफ्तार कर लिया है । घर मे और कोई सदस्य है नही तो उसका दाह संस्कार कौन करेगा। अभी दिन के 2 बजे तक मृतका का दाह संस्कार नही हो पाया है। हत्या कैसे हुई क्यों हुई है इसकी जानकारी देने के लिए न तो लोग तैयार है और न ही पुलिस।
-पूर्णिया से शिव शंकर सिंह की रिपोर्ट