देश के पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री और गृह मंत्री रहे पी चिदंबरम आज रात को आखिर तिहाड़ जेल में पहुंच गए। उनके वकीलों ने अंतिम समय तक प्रयास किया कि वे तिहाड़ न जाने पाएं, लेकिन बात नहीं बन सकी। चिदंबरम तिहाड़ की सात नंबर जेल में रहेंगे। यहां पर उन्हें वह तख्त और कंबल मुहैया कराया जाएगा, जिसे वहीं के कैदियों ने बनाया है।
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खास बात है कि पूर्व वित्तमंत्री जिस सेल में रहेंगे, वहां पर दुष्कर्म के आरोपी और महिलाओं के साथ दूसरे अपराधों में सजा काट रहे कैदी बंद हैं। हालांकि चिदंबरम के लिए इस जेल में अलग से एक सेल खाली कराया गया है। वे यहां अकेले रहेंगे। इस सेल में वेस्टर्न स्टाइल का टॉयलेट भी है।
19 सितंबर तक के लिए भेजा गया तिहाड़
बता दें कि आईएनएक्स मीडिया मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को सीबीआई कोर्ट ने 19 सितंबर तक के लिए तिहाड़ जेल भेजा है। चिदंबरम को जेल में अलग से सेल मिलेगा। इसके अलावा उन्हें लकड़ी का एक तख्त और अलग टायलेट की सुविधा भी प्रदान की जाएगी।
तिहाड़ जेल के सूत्रों का कहना है कि सात नंबर जेल में चिदंबरम एक सामान्य कैदी की तरह रहेंगे। उन्हें बिछाने के लिए तिहाड़ में बने कंबल और चादर मुहैया कराए जाएंगे। सामान्य कैदी एक कंबल का इस्तेमाल बतौर तकिया करते हैं, लेकिन चिदंबरम को हल्के फोम वाला तकिया दिया गया है। उन्हें सात कंबल दिए गए हैं।
कैदियों द्वारा बनाई वस्तुएं ही दी जाएंगी
खास बात है कि चिदंबरम के कमरे में जो भी वस्तुएं रहेंगी, उनका निर्माण तिहाड़ के कैदियों द्वारा ही किया गया है। जैसे, तख्त, कंबल, तकिया और चद्दर तिहाड़ की फैक्ट्री में ही निर्मित होते हैं। जेल नंबर सात की जिस बैरक के सेल को खाली कराया गया है, उसमें केवल चिदंबरम का ही तख्त रहेगा। उस सेल के दोनों तरफ दीवार नहीं है, बल्कि लोहे की सलाखें हैं।
सूत्र बताते हैं कि यहां पर एक पर्दा लगाकर चिदंबरम के सेल को दूसरे सेल से थोड़ा अलग बनाने का प्रयास किया गया है। आर्थिक अपराध से जुड़े दूसरे कैदी भी इसी जेल में रखे गए हैं। जेल में युवाओं को फर्श पर एक गद्दा दे दिया जाता है, जबकि बुजुर्ग कैदियों या वीवीआईपी को लकड़ी का तख्त मुहैया करा देते हैं। चिदंबरम को भी वही तख्त दिया गया है।
अगर चिदंबरम वहां का खाने खाते हैं तो उन्हें मूंग या उड़द की दाल, एक सब्जी और पांच चपाती मिलेंगी। चिदंबरम अपने घर के कपड़े ही पहनेंगे। सूत्रों का कहना है कि जेल नंबर सात में पहले वेस्टर्न स्टायल वाले टॉयलेट नहीं थे। जेल नंबर एक में पहले से ही वेस्टर्न टॉयलेट की सुविधा है। ए. राजा, सुरेश कलमाडी और सहारा प्रमुख जेल नंबर एक में ही रहे हैं।