उत्तराखंड/पौड़ी गढ़वाल-उत्तराखंड जनपद पाैडी गढ़वाल के ग्राम सभा नावेतली विकासखंड रिखणीखाल के बारे में संक्षिप्त विवरण पर एक नजर यहां पर निम्न असुविधाएं हैं
1.सड़क मार्ग से गांव की दूरी 3 किलोमीटर दूर है
2. गांव में पेयजल की भारी किल्लत है3. संचार नेटवर्क शून्य है एक भारत संचार निगम लिमिटेड का टावर शो पीस के लिए शतगरिया में स्थित है जो कि अभी तक चालू नहीं हुआ है
4. जंगली जानवर एवं पक्षियों का भारी जमावड़ा है फसल को भारी नुकसान पहुंचाते हैं
5. कानून व्यवस्था एवं भूमि संबंधी दस्तावेज बनाने के लिए राजस्व पटवारी क्षेत्र गांव से 10 किलोमीटर दूर है
6. सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान भी 5 किलोमीटर दूर है
7. माध्यमिक एवं इंटर कॉलेज 5 किलोमीटर दूर है
8. बैंक और उससे संबंधित ATM 25 किलो मीटर से कम दूरी पर नहीं है
9. ब्लॉक मुख्यालय 30 किलोमीटर तहसील मुख्यालय लैंसडाउन 90 किलोमीटर से अधिक दूरी पर है
10. यातायात सुविधा के नाम पर दिन भर में एक बस कोटद्वार से और एक बस रामनगर से केवल द्वारी गांव तक उपलब्ध है
11. गांव में 45 परिवार हैं जिसमें से 15 परिवार मूलभूत असुविधाओं को देखते हुए पलायन कर चुके हैं
12. बेरोजगारी चरम पर है लगभग 30 लड़के दिल्ली एवं एनसीआर क्षेत्र में अपना समय काट रहे हैं
13. प्रार्थमिक विद्यालय गांव में ही है लेकिन शैक्षिक गुणवत्ता के अभाव में वहां पर छात्र संख्या 6 पर सिमट गई है
14. स्नातकोत्तर महाविद्यालय 30 किलोमीटर दूर है जहां लड़कियों का जाना मुश्किल होता है
15. मतदान केंद्र भी 5 किलोमीटर दूर है जहां वृद्ध महिला एवं पुरुषों का उतार-चढ़ाव रास्ते के कारण जाना मुश्किल है
16. विद्युत शिकायत केंद्र एवं बिल जमा करने का स्थान भी 15 किलोमीटर दूर है आने जाने में धन एवं समय की बर्बादी होती है
17. गैस वितरण केंद्र भी 12 किलोमीटर से अधिक दूर है अतिरिक्त किराया भाड़ा पड़ता है सिर में उठाकर या खच्चर से लाना पड़ता है अकेले व्यक्ति के लिए मुश्किल हो जाता है
18. निवास प्रमाण पत्र या अन्य प्रमाण पत्र भी लैंसडौन जाकर ही पूरा समय बर्बाद करने में हो जाता है
19. मुख्य चिकित्सा केंद्र या राजकीय चिकित्सालय कोटद्वार के अलावा अन्य कहीं नहीं है
अंत में मेरा एवं गांव वालों का उत्तराखंड सरकार से एवं प्रशासन से अनुरोध है कि कृपया बिंदुवार समस्याओं का अध्ययन कर इनको सुलझाने की कृपा करें..
– सहयोग : बालम सिंह गुसांई
इंद्रजीत सिंह असवाल,पौड़ी गढ़वाल