उत्तराखंड/पौड़ी गढ़वाल- उत्तराखंड विधानसभा यमकेशवर काेटा पलेल गाँव में आजादी के 70 साल आैर उत्तराखंड बने 17 साल हाे गया लेकिन कोटा पलेल गांव में सूर्य उदय नहीं हो पाया है। कोटा पलेल गांव की रोड फाइलों तक ही सीमित रह गई है और फाइलों में ही विभागीय अधिकारियों की लापरवाही का शिकार बनकर रह गई है।
अब पलायन एक मुद्दा बन चुका है इस गांव में हो चाहे पूरे उत्तराखंड में। देश में उत्तराखंड के गांव दिन प्रतिदिन बांज पडते जा रहे हैं गांवाें की पाैराणिक समितियाँ खंडर बनती जा रही है उधर पडाेसी देश चीन पाकिस्तान ने सीमा पर घुसपैठ तेज कर दी है एेसे में खंडर पडे गांव मिलेंगे तो होगी ही घुसपैठ तेज। यही बनायेंगें वे पहला निशाना पहाड में
पलायन की नीति विफल हो रही है। पलायन का कारण मूलभूत सुविधाओं का अभाव बिजली पानी सडक जैसी मूलभूत सुविधाओं का ना हाेना ही है।
-पौड़ी से इन्द्रजीत सिंह असवाल की रिपोर्ट