पीएम और सीएम को नसीहत देने वाला स्वाट टीम प्रभारी विधायक की शिकायत पर हुआ लाइन हाजिर

सुलतानपुर- फर्जी खुलासे कर वाहवाही लूटने वाले स्वाट टीम प्रभारी आजाद सिंह केशरी को लाइन हाजिर कर दिया गया है। सोशल मीडिया के जरिए पीएम मोदी और सीएम योगी तक को नसीहत देना आखिरकार भारी पड़ा और बदलापुर विधायक ने डीजीपी को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की, जिसके बाद मंगलवार को एसपी अमित वर्मा को मजबूरन उसे लाइनहाजिर करना पड़ गया। फिलहाल मामला अभी भी थमा नहीं है।कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर आजाद केशरी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को नसीहत देते एक पोस्ट डाली गई थी, जिसमें पीएम और सीएम को धमकाने और चेतावनी भरे शब्दों के जरिए नसीहत दी गई थी। यह पोस्ट फेसबुक पर आजाद सिंह नाम की आईडी से डाले गए। इसके पहले भी लगातार इस तरह के पोस्ट डाले जाते रहे हैं।बीजेपी कार्यकर्ताओं में गुस्सा जौनपुर जिले के बदलापुर विधायक रमेश मिश्र ने की इनकी कार्यशैली को लेकर डीजीपी को शिकायती पत्र भेजा, जिसमें कहा, ‘आजाद सिंह की करतूत से बीजेपी कार्यकर्ताओं में आक्रोश है, जो पोस्ट डाली जाती है, वह बेहद ही आपत्तिजनक होती है, इनके खिलाफ उच्चस्तरीय जांच करवाकर प्रभारी निरीक्षक पर कार्यवाही किया जाना अति आवश्यक है। पीएम और सीएम की नीतियों के विरोध में रोजाना पोस्ट डालते रहते है।’उन्होंने कहा,आजाद सिंह के नाम से आईडी चलाते रहते है। सरकारी पद पर तैनाती के बावजूद अधिकारी कर्मचारी नियमावली को तोड़ते हुए कार्य कर रहे हैं, इनके पोस्ट से मुझे भी व्यक्तिगत रूप से आघात पहुचा है।’ उन्होंने आजाद केशरी के द्वारा डाली गई पोस्ट की छायाप्रति भी पत्र के साथ भेजा था। मामला बढ़ता देख मंगलवार की सुबह ही एसपी अमित वर्मा ने स्वाट टीम प्रभारी पद से हटाते हुए लाइनहाजिर कर दिया।फर्जी खुलासे के लगते रहे हैं आरोप
थानाध्यक्ष रहने के दौरान भी आजाद का विवादों से गहरा नाता रहा। खासकर जिले में उनकी छवि फर्जी खुलासे के मास्टर माइण्ड के तौर पर जानी जाती है। लम्भुआ तहसील के अधिवक्ता ओंकार यादव हत्याकांड के फर्जी खुलासे ने पुलिस की खूब किरकिरी कराई, जिसका नतीजा रहा कि वकीलों का धरना प्रदर्शन फिर शुरू हो गया। निर्दोषों को फंसाने का आरोप लगा। आरोप प्रत्यारोप के बीच चांदा एसओ को भी लाइनहाजिर कर दिया गया। पर्दे के पीछे से निकलकर आया कि चांदा एसओ ने आजाद सिंह के दबाव में कार्य करने से मना किया था, जिसका परिणाम उन्हें अपनी कुर्सी गंवाकर झेलना पड़ा।

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