इंदौर- आठवीं पास एक युवती ने पूरे पुलिस महकमे को ही कठघरे में खड़ा कर दिया। एडीजी की बहन बनकर वह जब-तब पुलिस की ऑफिसर्स मैस में ठहर रही थी। 2008 से ही फर्जीवाड़ा कर रही थी।इंदौर ही नहीं भोपाल और उज्जैन की मैस में भी वह इसी तरह रुकती रही।
जानकारी के अनुसार यह युवती अफसरों पर रौब झाड़कर अपने काम भी निकलवा रही थी। हद यह है कि किसी भी जिम्मेदार ने क्रॉस चेक करने की कोशिश ही नहीं की कि वास्तव में वह एडीजी की रिश्तेदार है भी या नहीं। उल्टे उसे गाड़ी और गनमैन जैसी सुविधाएं भी देते रहे। सोमवार रात को उसने एक टीआई से दो गुलदस्ते मंगवाए, टीआई ने इनकार किया तो उसे धमकाने लगी। इससे टीआई को शक हुआ और उसने एडीजी के स्टेनो से पूछताछ की।
मामला एडीजी तक पहुंचा तो उन्होंने कहा कि मेरी तो कोई बहन ही नहीं है। युवती अब पुलिस हिरासत में है। प्रारंभिक पूछताछ में उसने कई नेताओं और अफसरों से संपर्क का दावा किया है। बताया जा रहा है कि सोनिया ने हाल ही में प्लास्टिक सर्जरी भी कराई थी।
सोमवार रात 12 बजे पुलिस अफसरों ने पहली बटालियन स्थित ऑफिसर मैस से सोनिया को हिरासत में ले लिया। वह मैस में एडीजी अजय शर्मा की बहन बताकर अकसर रुकती थी। सोमवार रात मैस में एडीजी एसएएफ पवन श्रीवास्तव की शादी की सालगिरह की पार्टी थी। इसमें शामिल होने के लिए सोनिया पहुंची थी। यहां आते ही समय उसने पलासियाटीआई को फोन कर दो गुलदस्ते भेजने को कहा।
टीआई ने मना किया तो वह फोन पर ही रौब झाडऩे लगी। सीएसपी ज्योति उमठ को फोन कर टीआई की शिकायत कर दी। टीआई ने एडीजी के पीए से बात की। यह सुनकर पीए भी अचरज में पड़ गए। उन्होंने एडीजी को बताया तो उन्होंने तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए।
तब सीएसपी ज्योति उमठ, टीआई मंजू यादव, टीआई महिला थाना ज्योति शर्मा ऑफिसर मैस पहुंचीं। मैस में चल रही पार्टी और वहां मौजूद पुलिस अफसरों के चलते महिला अफसर अंदर नहीं जा पाईं। वे उसे तलाश करती रहीं। इस बीच एसपी पश्चिम विवेक सिंह ने सदर बाजार पुलिस को वहां भेजा। एसपी विवेक सिंह व एएसपी रूपेश द्विवेदी भी मैस पर पहुंचे। पुलिस को देखकर सोनिया को गड़बड़ी लगी।
वह चुपचाप वहां से खिसकने लगी।तब एक ड्राइवर ने उसे पहचान लिया। यह ड्राइवर कई बार उसकी गाड़ी चला चुका था। सोनिया से पूछताछ की, वह तब भी रौब दिखाने से बाज नहीं आई। वह इसी बात पर अड़ी रही कि मैं एडीजी को राखी बांधती हूं। बाद में उसे सदर बाजार थाने लाया गया। जहां से पूछताछ के बाद महिला थाने ले गए।
पूछताछ में सपना-संगीता इलाके में विद्या नगर के फ्लैट 402 की जानकारी मिली। यह फ्लैट सोनिया ने किराए से ले रखा है। यहां पर कृष्णा राठौर निवासी भोपाल मिला। सोनिया ने पहले उसे अपना भाई बताया। घर पर मिले दस्तावेज में उसका नाम सोनिया के पति के रूप में था। बाद में काफी पूछताछ के बाद उसने स्वीकार किया कि कृष्णा उसका ब्वॉयफ्रेंड है। 10 साल से दोनों की दोस्ती है। वह भी भोपाल का रहने वाला है।
उसका पूरा खर्च सोनिया ही उठाती है।सोनिया आठवीं पास है और कृष्णा प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा है। नौकरी लग जाने पर दोनों शादी करने वाले थे। युवती ने भोपाल में होशंगाबाद रोड पर घर बताया है। पिता किसान थे, जिनकी मौत हो गई है। परिवार में मां ही है, जो भोपाल में रहती है।सोनिया ने पुलिस पूछताछ में कई खुलासे किए हैं। यूपी के बड़े पुलिस अफसर का ट्विटर पर एकाउंट खोलने और कई नेता, मंत्री व साधुओं से संपर्क की बात स्वीकार की है। पूछताछ में आरोपित सोनिया शर्मा ने बताया कि वह संयोगितागंज सीएसपी ज्योति उमठ से बैतूल में 3 वर्ष पूर्व मिली थी। वह जब भी इंदौर आती थी, पुलिस अधिकारियों का नाम लेकर मैस में रुकती थी। उसने आईजी पवन जैन से भी संपर्क का दावा किया है।
एडीजी शर्मा ने बताया कि उन्होंने सोनिया से बात की तो वह खुद को मेरी बहन बताने लगी। उसने दावा किया कि वह मुझसे उज्जैन में मिली थी। मैंने जब उसे बताया कि मैं करीब 12 वर्ष पूर्व उज्जैन में पदस्थ था तब उसकी बोलती बंद हुई। इसके बाद ही सीएसपी उमठ को पूछताछ के लिए भेजा। रात में एसपी पश्चिम, एएसपी रूपेश द्विवेदी, एएसपी धनंजय शाह व कई टीआई अफसर मैस पहुंचे।
प्रथम बटालियन ऑफिसर मैस के स्टाफ ने बताया कि कोई भी अधिकारी या उनके परिजन फोन पर सूचना देकर ही आते हैं। सोनिया लंबे समय से अधिकारियों के नाम से रूम बुक कराकर रुक रही है। मैस में वह सरकारी वाहन व गनमैन के साथ आती थी। इस वजह से स्टाफ भी उसे अधिकारी की बहन मानने लगा था। वह हर बार रेंट चुकाकर जाती थी।
पुलिस ने सोनिया का मोबाइल जब्त किया है। उसके मोबाइल में सैकड़ों पुलिस अधिकारियों के नंबर सेव मिले हैं। पता चला है कि उसने यूपी के डीआईजी रैंक के अधिकारी का फेसबुक व ट्विटर अकाउंट भी बनाया है। सूत्रों का दावा है कि कुछ समय पूर्व एडीजी मॉल में परिवार के साथ मूवी देखने गए थे। वहां सोनिया भी पहुंची थी। सुरक्षा में लगे अधिकारियों ने उसे रोका तो वह खुद को उनकी बहन बताने लगी। एडीजी के मॉल से बाहर आने से पहले ही वह बहाने से गायब हो गई।
सूत्रों के अनुसार, सोनिया ढाई साल से इंदौर मैस में आती-जाती थी। पहले वह रिटायर डीजी लोकायुक्त कावदे का नाम लेकर रुकती रही। कई बार उनकी बेटी के साथ भी वहां आती। बाद में एडीजी अजय शर्मा के नाम का इस्तेमाल करने लगी। वर्ष 2008 से भोपाल, उज्जैन व इंदौर के ऑफिसर मैस में इसी तरह रहती आई है। कहीं भी उसकी करतूत पकड़ में नहीं आई। वह जहां रहती, आसपास रुकने वाले अफसरों के साथ शहर में पदस्थ स्थानीय अफसरों से दोस्ती बढ़ाती। बाद में नए अफसरों की रिश्तेदार बनकर वह ऑफिसर मैस में रुकती। वह इस अंदाज में अफसरों से बात करती कि शक होने का सवाल ही नहीं होता।
मैस में आरोपित युवती कितनी बार ठहरी है,इस संबंध में जानकारी जुटा रहे हैं। जिन डायरी में एंंट्री होती है, उन्हें जांच में शामिल किया है। हालांकि लाइन से उसे कार व गनमैन कैसे मिला, इसकी जांच करवाएंगे।
साभार-मनीष अग्रवाल, कमांडेंट