खुलासा :छावनी परिषद में अवैध रूप से बहुमंजिला इमारतों का निर्माण, छावनी प्रशासन कोमे में

*आखिर कैसे मिली आवासीय भवन को व्यावसाहिक भवन बनाने की अनुमति,देखिए पूरी खबर

उत्तराखंड/लैंसडौन।लैंसडौन छावनी परिषद में नियम व कानूनों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है।लैंसडौन छावनी परिषद में आवासीय भवनों को तोड़ कर बहुमंजिला इमारतों का निर्माण का कार्य किया जा रहा है,मगर छावनी परिषद का प्रशासन कुम्भकर्ण की नींद सोया है।
माननीय उच्चतम न्यायालय के दिशानिर्देशों के अनुसार पर्वतीय क्षेत्रों में भवन निर्माण दो मंजिला से ऊपर नहीं हो सकता है,लेकिन माननीय उच्चतम न्यायालय के दिशा निर्देशों का खुलेआम उल्लंघन करते हुए छावनी परिषद लैंसडौन द्वारा भवनों का निर्माण किया जा रहा है,वही लैंसडौन में चर्चा है कि मुख्य अधिशासी अधिकारी और छावनी परिषद के अधिकारियों के गठजोड़ से बहुमंजिला इमारतों का निर्माण किया जा रहा है, इससे न केवल आबादी के बीच बन रहे होटल खतरे का सबब बन रहे हैं बल्कि होटलों के निर्माण से सामाजिक कुरीतियां पनपती जा रही है।
आपको बतादे छावनी परिषद का नियम बना था, उसके अनुसार तीन मंजिल से ऊपर भवन का निर्माण कार्य नहीं हो सकता है और होटलों के निर्माण के लिए पार्किंग का होना जरूरी है लेकिन लैंसडौन में किसी भी होटल में पार्किंग नहीं है लेकिन फिर भी धड़ल्ले से होटलों का निर्माण जारी है।
आपको बताते चलें कि पूर्व छावनी परिषद अध्यक्ष माननीय इंद्रजीत चटर्जी द्वारा आयोजित जनता दरबार में होटल निर्माण के संबंध में जोरदार बहस हुई थी उक्त बैठक में छावनी अध्यक्ष द्वारा नगर में हो रहे निर्माण को अवैध बताया था और छावनी अधिशासी अधिकारी को निर्देशित किया गया था कि वह तत्कालीन होटलों का निर्माण रोके और सभी होटलों में पार्किंग व्यवस्था के निर्देश जारी करें थे।
पर्यावरण की दृष्टि से जो होटल या भवन निर्माण हो रहे है,वे मानकों के विपरीत है भूकंप की दृष्टि से नगर अतिसंवेदनशील है जहां दो से ढाई मंजिल तक मकान बनाए जाने के न्यायालय के आदेश है लेकिन छावनी परिषद के अधिकारी इन मानको का उल्लंघन करते हुए मकानों को होटलों में तब्दील करते जा रहे हैं आखिर इसका जिम्मेदार कौन होगा।

छावनी परिषद में भवन निर्माण के लिए नियम क्या है?
छावनी परिषद का भवन निर्माण का नियम कहता है कि अगर छवानी परिषद में किसी भी प्रकार का भवन निर्माण कार्य किया जाता है तो उस भवन के आगे सड़क के डेढ़ गुना भवन निर्माण किया जा सकता है।मगर लैंसडौन में नियम के विपरीत कार्य किया जा रहा है।

वही जब छावनी परिषद के सहायक अभियंता समर सिंह राणा से बात की गई तो उनका साफ कहना है कि नियम के अनुसार कार्य हो रहा है। और बहुमंजले इमारते बना सकते है।

अब देखना होगा कि छावनी परिषद लैंसडौन अवैध निर्माण कार्यो पर क्या कार्यवाही करता है,या फिर से कुम्भकर्ण की नींद में सो जाता है।

– ब्यूरो रिपोर्ट उत्तराखंड

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *