इलाहाबाद : बेसिक शिक्षा परिषद के सभी अध्यापक भर्ती प्रशिक्षण डायट के माध्यम से ही कराये जाते है। संविदा पर रखे गये लोगो का भी प्रशिक्षण डायट के आधीन रहता है।आज कल बहुत ही गुप्त तरीके से आदेशो का खेल चल रहा है। इसी क्रम में यह गोपनीय आदेश 2011 का क्या है किसी को जानकारी नही है इस आदेश के अनुसार आवेदन कर्ता को आवेदन नही भरना है डायट प्राचार्य को ही सब काम करना है यह तो बहुत गोपनीय कार्य ही लग रहा हे क्योंकि यहा पर यह कहा जा रहा है की आवेदन पूरित करना है। पूरित का मतलब यह होता है की किसी भरे हुए आवेदन को पूर्ण करना है वह भी केवल डायट प्राचार्य के अधिकार क्षेत्र में रखा गया है।
शैक्षिक सत्र 2015-16 प्रवेश प्रक्रिया के अंतर्गत आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों के वर्गवार/श्रेणीवार औपबन्धित सूचि का प्रेषण करने के सम्बन्ध में विज्ञप्ति जारी की गई है। प्राथमिक में सरकारी शिक्षक बनाते ही नही थे। तो इसकी विज्ञप्ति जारी होने पर यही लग रहा है की काफी समय से विभाग में कुछ गलत चल रहा था वह सही किया जा रहा है। सीटी (नर्सरी)/ एनटीटी शैक्षिक सत्र 2015-16 प्रवेश प्रक्रिया के अंतर्गत आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों के वर्गवार/श्रेणीवार औपबंधिक सूची प्रेषण के सम्बन्ध में विज्ञप्ति जारी की गई है। एक साथ दो तरह के आदेश जारी एक ही दिनांक में होने का मतलब दोनों बाते एक दूसरे से जुडी है। यह आदेश और विज्ञप्ति स्वयं सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी उत्तर प्रदेश सुत्ता सिंह ने जारी किया है। उत्तर प्रदेश में जल्द ही औपबन्धित अध्यापक, संविदा कर्मचारियों को इसका लाभ मिलने की उम्मीद है। भारत सरकार के द्वारा आरटीई में छूट 31 मार्च 2019 तक सभी राज्यो को दी गई है। इस बार संसोधित अप्रशिक्षित सेवारत प्रशिक्षण आदेश में प्रशिक्षण के लिए 22 नम्बर क्रमांक में संविदा कर्मचारी , पैराटीचर, अनुदेशक और शिक्षामित्रो का भी उल्लेख किया गया है। यही एक मौका है राज्य सरकारो के पास की यह संविदा कर्मचारी को उसकी योग्यता के अनुसार अध्यापक की श्रेणी दे सकते है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार बेसिक शिक्षाविभाग में तैनात संविदा कर्मचारियों का भविष्य क्या गोपनीय रूप से सुरक्षित करने में लगी है।
देवेन्द्र प्रताप सिंह कुशवाह प्रभारी
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