नई दिल्ली- एससी एसटी अत्याचार कानून में तत्काल एफआइआर और तुरंत गिरफ्तारी बहाल करने वाले संशोधित कानून को सुप्रीम कोर्ट परखेगा। कोर्ट ने संशोधित कानून को चुनौती देने वाली याचिका पर केन्द्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। हालांकि कोर्ट ने संशोधित कानून पर एकतरफा रोक लगाने से इन्कार कर दिया।
सरकार को नोटिस:-
न्यायमूर्ति एके सीकरी व न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ ने शुक्रवार को एससी एसटी अत्याचार संशोधन कानून 2018 को निरस्त करने की मांग वाली प्रिया शर्मा, प्रथ्वी राज चौहान और एक गैरसरकारी संगठन की ओर से दाखिल तीन याचिकाओं पर सुनवाई का मन बनाते हुए सरकार को नोटिस जारी किये। सरकार को 6 सप्ताह में जवाब देना है।
सरकार के जवाब का इंतजार:-
इससे पहले याचिकाकर्ता की ओर से संशोधित कानून का विरोध करते हुए कहा कि संशोधित कानून बराबरी, अभिव्यक्ति की आजादी और जीवन के मौलिक अधिकार के खिलाफ है। इसमें सुप्रीम कोर्ट के फैसले को निष्प्रभावी कर ऐसी व्यवस्था की गई है कि एक निर्दोष व्यक्ति अग्रिम जमानत नही पा सकता। कोर्ट ने दलीलें सुनने के बाद नोटिस जारी किया लेकिन वकीलों ने कानून पर अंतरिम रोक लगाने की मांग की। कोर्ट ने रोक से इन्कार करते कहा कि सरकार का पक्ष सुने बगैर रोक लगाना ठीक नहीं होगा पहले सरकार का जवाब आने दो।
एससी- एसटी कानून में संशोधन को परखेगा सुप्रीम कोर्ट: केन्द्र को नोटिस देकर मांगा जवाब
