उत्तराखंड – उत्तराखंड सरकार पलायन पर उत्तराखंड की जनता से सुझाव मांग रही है ताे सरकार काे एक जबरदस्त सुझाव दिया गया है जिसमे सबसे पहले सभी पूर्व और वर्तमान मुख्यमंत्री, मन्त्री विधायक अपने परिवारों को गाँव मे स्थापित कर लें। अपने अपने गांवों को इस काबिल बना लें कि उनका परिवार उनके गांव में टिक जाएं, बाकी लोगों को फिर नसीहतें दें।
मुख्यमंत्री, मंत्री व विधायको में से 17 साल में एक भी ऐसा नही है जो अपने गांव को इस काबिल बना पाया हो कि अपने बाल बच्चों मां बाप को अपने पैतृक घर मे रख सके। अपने गाँव मे एक ऐसा स्कूल नही खुलवा पाए जिसमे अपने बच्चों को पढा पाए, ऐसा हॉस्पिटल नही खुलवा सके कि अपने वृद्ध माँ बाप का इलाज अपने गांव क्या अपनी विधानसभा के किसी भी अस्पताल में करवा सके।
अपने परिवार को कृषि से नही जोड़ पाये। ये जो सीधे तरीके से हम करदाताओं के पैसों की तनख्वाह पाते हैं और उल्टे तरीके से भी हर योजना का 20 से 30% तक कमीशन भी खाते है, जब ये ही अपने परिवारों को गाँव मे रखने लायक नही बना पाये तो आमजन के पास तो न पैसा है न ही सुविधा वो क्यों टिकेगा पहाड़ में।
युवाओं के लिए स्वरोजगार योजनाओं से वित्तीय सहायता बैंकाें से नही अपितु सरकार स्वयं उपलब्ध करवाये क्याेंकि सरकार द्वारा संचालित स्वरोजगार योजनाओं से बैंक बेरोजगार युवाओं को वित्तीय सहायता नही मिल पा रही है जिस कारण युवाओं को मायूस हाेकर पलायन करने काे मजबूर हाेना पडता है
जिस दिन विधायक, मंत्री, मुख्यमंत्री का बच्चा गाँव के
सरकारी स्कूल में पढ़ेगा शिक्षा स्वंम सुधर जाएगी।जिस दिन इनके वृद्ध माँ बाप का इलाज इनकी ही विधानसभा के सरकारी अस्पताल में होगा स्वास्थ्य सुविधाएं जरुर सुधर जाएगी। जिस दिन इनका परिवार गाँव मे ही रहकर कृषि पशुपालन और अन्य कार्य शुरू करेगा रोजगार की समस्या खत्म होनी शुरू हो जायेगी
– इंद्रजीत सिंह असवाल,पाैडी गढ़वाल उत्तराखंड