उत्तराखंड/पौड़ी गढ़वाल- उत्तराखंड में कुछ ऐसे अधिकारी भी है जिनके कार्यों से जनता खुश है उनका परिचय कराने का प्रयास कर रहा है हमारा पोर्टल
*दीपक रावत (जिलाधिकारी हरिद्वार )
दोस्तों आज हम आपको बताएँगे ऐसे दबंग अधिकारी के बारे में जिसको हर ओई पढना चाहता है जिसको हर कोई सुनना चाहता है, यूट्यूब पर सबसे अधिक सर्च किये जाते हैं ये अधिकारी इसके पीछे कई कारण भी है। इनके काम और एक्शन की लोग जमकर तारीफ करते हैं।
40 वर्षीय दीपक रावत जी मूल रूप से मसूरी के रहने वाले हैं उनकी धर्मपत्नी श्रीमती विजेता सिंह वकील हैं और इन दोनों की एक बेटी है। श्री रावत जी दर्शनशास्त्र में रूचि रखते हैं और वो पुराने क्लासिक गीतों के बहुत शोकीन हैं वो खुद भी बहुत सारे गाने गुन गुनाते नज़र आते हैं। वो कई बार गढ़वाली कुमौनी भाषा मैं भी गाने गा चुके हैं। एक इंटरव्यू में रावत जी ने खुद को काफी नर्म दिल व्यक्तित्व का बताया है परन्तु अपराधियों और गैरजिम्मेदार अफसरों पर ये कभी नरमी नहीं बरतते ,पहले दीपक रावत हल्द्वानी में बतौर एसडीएम तैनात थे। उसके बाद उनकी तैनाती बागेश्वर में डीएम पद पर हुई। के,एम् वी एन के एमडी रहे रावत अगर सबसे ज्यादा कहीं से चर्चा में आये तो वो थी उनकी नैनीताल में पोस्टिंग।
नैनीताल में डीएम रहते हुए दीपक रावत ने कई ऐसे काम किये जिनकी वजह से उनको एक अलग स्तर के अधिकारी के तौर पर देखा जाने लगा। नैनीताल के अस्पताल में डॉक्टरों को गलती पर हड़काना हो या फिर पार्किंग के चक्कर में दिल्ली की महिला टूरिस्ट्स से विवाद। दीपक रावत के इस अंदाज को लोग धीरे-धीरे पसंद करने लगे। नैनीताल के बाद अब वो धर्मनगरी हरिद्वार में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
नैनीताल में सेवाएँ देने के दौरान उन्होंने नैनीताल की तस्वीर परिवर्तित कर दी थी , यहाँ कोई भी आम आदमी हो या सरकारी कर्मचारी कोई कानून के साथ छेड़छाड़ करने की सोच भी नहीं सकता था , दीपक रावत जी यहाँ कई किलोमीटर चलकर गाँव में वहाँ के हालत का जायजा लेने पहुंचते थे , सरकारी अस्पताल हो या सरकारी विद्यालय पेट्रोल पंप हो या सिनेमा हाल श्री रावत जी कभी भी कहीं भी छापा मार देते हैं , इसलिए जिस जिले में इनकी तैनाती होती है वहां नियमों की अनदेखी और कर्मचारियों की लापरवाही दूर होना शुरू हो जाती है,
वर्तमान में रावतजी धर्मनगरी हरिद्वार में अपनी सेवाएँ दे रहे हैं इस वक्त वो ऐसे अधिकारी हैं जिनके बारे में लोग सबसे ज्यादा चर्चा कर रहे हैं। हरिद्वार के हर नुक्कड़, चौक-चौराहे पर उनके काम की चर्चाएं होना आम बात हो गई है। दीपक का कहना है कि वो आज चाहे जिस भी पद पर हैं लेकिन अपने आपको वो बच्चा ही मानते हैं और उन्हें बच्चा बने रहने में ही आनंद आता है। वो कभी नहीं चाहते कि उनके अंदर जो एक बचपना है वो ख़त्म हो। हालांकि, वो कभी-कभी सोचते हैं कि सीरियस रहें लेकिन ऐसा हो नहीं पाता।
दीपक रावत जी सदेव् अपना जन्मदिन दृष्टिबाधित मूकबाधिर और अनाथ बच्चों के साथ मनाते हैं इसलिए युवाओं में उनकी अलग ही छाप है वर्तमान में दीपक रावत को देश का सबसे तेजतर्रार अधिकारियों में से एक माना जा रहा है। हरिद्वार में उनकी ताबड़तोड़ कार्रवाई को लोग इतना पसंद करते हैं कि हर युवा आज उनके जैसा बनना चाहता है
* मंगेश घिल्डियाल (जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग)
रुद्रप्रयाग के डीएम मंगेश घिल्डियाल ने स्कूल जान वाले बच्चों के लिए एक बड़ी पहल की है। भल ही आपको ये सुनने में अविश्वसनीय लगे, लेकिन डीएम मंगेश घिल्डियाल के पास जिले के 673 स्कूलों के हर कक्षा के छात्रों की हर दिन की प्रोग्रेस रिपोर्ट मौजूद रहती है। छात्रों को कौन सा पाठ्यक्रम पढ़ाया जा रहा है, ये डाटा भी डीएम के पास मौजूद रहता है। इसके साथ ही जवाहर नवोदय विद्यालय और सैनिक स्कूलों के लिए बच्चों को लगातार तैयार किया जा रहा है। ये तैयारियां कैसी चल रही हैं, इसकूी अपडेट भी डीएम के पास रहती है। वो रोजाना शाम को इसकी समीक्षा करते हैं। इसके साथ ही बेहतर परिणाम देने वाले शिक्षकों को सम्मानित करने का भी प्लान है। एक तरफ प्रदेश में सरकारी शिक्षा का स्तर लगातार गिरता जा रहा है, ऐसे में डीएम इस स्तर को सुधारन के लिए लगातार काम कर रहे हैं।
डीएम घिल्डियाल जिला मुख्यालय परिसर में युवाओं को निशुल्क कोचिंग भी देते हैं तथा इन्हीं की पहल अधिकारीयों ने जिले के अनेक विद्यालय गोद लिए हैं तथा वहां की शिक्षा गुणवत्ता को सुधारने का प्रयास कर रहे हैं.
* रामकिशोर सकलानी (थानाध्यक्ष नरेन्द्रनगर)
उत्तराखंड के इस पुलिस अधिकारी ने उत्तराखंड के बच्चों के भविष्य के लिए नईं पहल शुरू की है ,जी हाँ मित्र पुलिस के लिए ही नहीं सभी सरकारी अधिकारीयों के लिये मिशाल पेश की है नरेन्द्रनगर थानाध्यक्ष श्री रामकिशोर सकलानी जी ने ,
सरकारी क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रयासरत युवा युवतियों व छात्र छात्राओं को अब कोचिंग के लिए देहरादून की दौड़ नहीं लगानी पडती, निरीक्षक रामकिशोर सकलानी ने स्वयम के प्रयास से पुलिस सेवा सैन्य सेवा एवं अन्य प्रतियोगिती परीक्षाओं की तेयारी कर रहे युवाओं ले लिए थाना परिसर में ही कोचिंग देने की शुरुवात की है, थाणे में तैनाती के बाद से ही निरीक्षक रामकिशोर सकलानी युवाओं के भविष्य सुधार के लिए समर्पित हैं, पहाड़ के युवा सकलानी जी से काफी प्रभावित हैं और निरंतर उनका मार्गदर्शन प्राप्त करते हैं , कोचिंग में प्रयुक्त पठन पाठन सामग्री की व्यवस्था इन्होने स्वयम के मानदेय व व्यक्तिगत सम्बन्धों से उपलब्ध करवाई हैं , पुलिस अफसर को ही नहीं वरन उत्तराखंड के प्रत्येक अधिकारी को पहाड़ के प्रति इनके चिन्तन और युवाओं के लिए समर्पण से सीख लेनी चाहिए .
* कर्नल अजय कोठियाल (प्रधानाचार्य नेहरु पर्वतारोहण संस्थान)
हजारों की तादात में एक छोटे से समय अन्तराल में यूथ फाउंडेशन के कुशल नेतृत्व में प्रशिक्षण पाकर कई नौजवान आज सेना और अर्धसेना में भर्ती हो चुके हैं. जिसका सीधा – सीधा श्रेय जाता है टीम के नायक और निश्चित तौर पर युवाओं के लिए महानायक के तौर पर उभर कर आये कर्नल अजय कोठियाल जो वर्तमान में निम् के प्राचार्य है और जिन्होंने एक छोटे से समय अंतराल में केदार घाटी को भी नया रूप दिया है. यूथ फाउंडेशन एक ऐसी संस्था है जिसने ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले गरीब युवावों की पीड़ा को समझकर उनको उनके सपने पूरे करने के लिए सब कुछ तैयार करकेडे रहा है , जिसके लिए यूथ फाउंडेशन के पास है एक ऐसी उर्जावान टीम जो अपने आप में देश हित और लोक हित को सर्वोपरि लेकर चलती है . ऐसे महान शख्सियत को सलाम.
आज कर्नल अजय कोठियाल उत्तराखंड के युवा दिलो की धडकन बन चुके है . जैसे ही सरकार द्वारा इस बार लड़कियों के लिए सेना में लड़कियों की भर्ती हेतु नए दरवाजे खोले तुरंत वसे ही कर्नल कोठियाल की टीम द्वारा गाँव की लगभग ६०० लड़कियों का चयन कर उनको भर्तीपूर्व प्रशिक्ष्ण के लिए उनका जगह से चुनाव कर उनका प्रशिक्षण शुरू कर दिया गया है.
कर्नल कोठियाल जी का इस वर्ष प्रमोशन होने वाला है परन्तु उत्तराखंड के युवाओं के लिए समर्पण देखो की उन्होंने यहाँ रहने के लिए प्रमोशन तक त्याग दिया अब वी आर एस की पेशकश कर चुके हैं।
-प्रकाश गौड चमोली के साथ इन्द्रजीत सिंह असवाल,पौड़ी गढ़वाल
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