जोधपुर/राजस्थान- नाबालिग से दुष्कर्म के केस में आसाराम को फैसला कल बुधवार को सुनाया जाएगा। फैसला सुनाने के लिए अदालत जोधपुर सेंट्रल जेल में ही लगेगी। फैसले को लेकर एहतियाती तौर पर जोधपुर पुलिस एवं प्रशासन ने आसाराम समर्थकों को रोकने के प्रयास तेज कर दिए हैं।
आसाराम के समर्थक शहर में नहीं जुट पाएं इसके लिए जोधपुर की सीमाएं सील कर दी गई हैं। शहर आने वाली बस, कारों की जांच से लेकर ट्रेन के यात्रियों तक पर नजर रखी जा रही है। शहर में 30 अप्रैल तक के लिए धारा-144 लागू कर दी गई है। इधर, आसाराम के आश्रमों द्वारा समर्थकों के लिए अपील जारी की जा रही हैं कि वे जोधपुर नहीं पहुंचे। सूत्र बताते हैं कि जेल में आसाराम की बैरक के नजदीक स्थापित टाडा कोर्ट में फैसला सुनाया जाएगा।
आसाराम पर आरोप है कि उन्होंने अपने मध्य प्रदेश स्थित छिंदवाड़ा आश्रम में पढ़ने वाली 12वीं की छात्रा को इलाज के बहाने जोधपुर के मणई आश्रम में बुलाकर उससे 14 अगस्त की रात रेप किया। साथ ही, शोर मचाने पर आश्रम में मौजूद उसके माता-पिता को मार डालने की धमकी दी। आसाराम जोधपुर सेंट्रल जेल में 01 सितंबर 2013 से बंद हैं।
15 अगस्त 2013 में दुष्कर्म के आरोपी जोधपुर जेल में वर्ष 2015 से बंद आसाराम के केस की सुनवाई सात अप्रैल को पूरी हो गई थी। इसके बाद फैसले की तिथि जैसे ही कोर्ट से निश्चित हुई। पुलिस पीड़ित के परिवार की सुरक्षा को लेकर और भी सतर्क हो गई। हालांकि, सुरक्षा के नाम पर पीड़ित के आवास के बाहर चौकी स्थापित करके बुलेटप्रूफ जैकेट के साथ सशस्त्र पुलिस बल और महिला सुरक्षा कर्मी तैनात हैं।
इसके अलावा सीसीटीवी कैमरे में भी हर आने-जाने वाले शख्स पर नजर रखी जाती है। पीड़िता के परिवार वालों से मिलने से पहले सुरक्षा कर्मियों को उनके रजिस्टर पर नाम पता लिखवाना होता है। इसके बाद पीड़िता के पिता की अनुमति मिलने पर ही उसे अंदर जाने की इजाजत दी जाती है।