लखनऊ- यूपी में लगातार हो रहे एनकाउंटर से जहां एक ओर अपराधियों के हौसले पस्त हैं वहीं सरकार ने बंदियों के रहने के लिए नई जेलों के निर्माण के लिए कदम उठाया है। माना जा रहा है कि पुलिस द्वारा अपराधियों के खिलाफ चलाये जा रहे पुलिस अभियान के बाद जेल में बंदियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। पुलिस की सख्ती के बाद कई अपराधी तो अपनी जमानत वापस लेक र खुद जेल जा रहे हैं। इसके अलावा अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेजने का काम भी पुलिस कर रही है। लगातार जेलों में बढ़ रही बंदियों की संख्या को देखते हुए प्रदेश में निर्माणाधीन जेलों और बैरिकों को जल्द से जल्द पूरा करने के साथ ही कई जिलों में नई जेलों के निर्माण का फैसला लिया गया है। इसके तहत प्रदेश की जेलों में 38695 बंदियों की व्यवस्था की जायेगी।
उत्तर प्रदेश की जेलों में काफी समय से ओवर क्राउडिंग है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए सरकार ने जेलों की क्षमता बढ़ाने का निर्णय लिया है। इस बात को लेकर गृह विभाग की ओर से पूरा खाका तैयार कर लिया गया है। दरअसल जेलों में क्षमता से दोगुना बंदी रह रहे हैं जिसके कारण इन लोगों को जेल में काफी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है।
गृह विभाग के अधिकारियों के मुताबिक कारागार विहीन जनपदों जैसे चित्रकूट, श्रावस्ती, संत कबीर नगर, अंबेडकर नगर, इलाहाबाद में जिला कारागारों का निर्माण होना है। इन पांच कारागारों की बंदी क्षमता 5585 होगी। इसके अलावा रामपुर तथा इटावा में कारागार के स्थानान्तरण के आधार पर नये कारागारों के निर्माण के बाद इन जेलों की क्षमता 2134 होगी। इसके अलावा 12 कारागारों में 30 क्षमता की निर्माणाधीन 68 बैरकों व 10 एक कक्षों का निर्माण कराया जायेगा जिसकी क्षमता 2050 होगी। साथ ही करागार विहीन 11 जनपदों अमेठी, महोबा, औरैया, शामली, कुशीनगर, अमरोहा, चन्दौली, भदोही, हाथरस, संभल, हापुड़ व ललितपुर में उच्च सुरक्षा कारागार के निर्माण प्रस्तावित हैं। इन जेलों की क्षमता 16500 होगी।
स्थानान्तरण के आधार पर मुराबाद में 652 बंदियों की अधिक क्षमता, कानपुर नगर में 1245 अधिक बंदी क्षमता, बदायूं में 529 अधिक क्षमता, मुजफ्फर नगर में 870 अधिक बंदी क्षमता, शहजहांपुर में 511 अधिक बंदी क्षमता, जौनपुर में 320 व वाराणसी में 477 अधिक बंदी क्षमता वाले कारागारों का निर्माण होगा।