हरदोई -तेज तर्रार छवि को लेकर सुर्खियां बटोरने वाले भारतीय जनता पार्टी के सांसद अंशुल वर्मा एक बार फिर सुर्खियों में है और इस बार वह पुरुष आयोग के गठन के सवाल को सदन में उठाए जाने को लेकर चर्चा में है इस बार पुरुष आयोग के गठन के सवाल पर कई सांसदों का अंशुल वर्मा को समर्थन भी मिला है
सांसद अंशुल वर्मा का कहना है कि सिर्फ पुरुष आयोग का गठन कराना ही उनकी प्राथमिकता नहीं है बल्कि धारा 498 ए जिसमें दहेज उत्पीड़न आता है उसमें भी संशोधन की आवश्यकता है जिसके संशोधन को लेकर वह एड़ी चोटी का जोर लगा देंगे,
अंशुल वर्मा ने बताया कि लाखों पुरुष जिनमें नाबालिक बच्चे भी शामिल है दहेज उत्पीड़न की जद में आ कर जेल की सलाखों के पीछे जिंदगी गुजारने को मजबूर हैं सांसद ने साफ किया ऐसा नहीं है कि जेल में दहेज उत्पीड़न की सजा काट रहे सारे ही लोग निर्दोष हैं लेकिन ऐसा भी बिल्कुल नहीं है कि सारे दोषी ही हैं बीजेपी सांसद अंशुल वर्मा ने सरकार की पैरवी करते हुए कहा कि कि लाखों लोगों का यह आंकड़ा सिर्फ उनकी सरकार का नहीं है बल्कि सन 1998 से अब तक लाखों लोग जेल की सलाखों के पीछे जिंदगी गुजारने पर मजबूर हैं।