गाजीपुर- समायोजन न किये जाने से आहत चल रहे एक शिक्षामित्र की मौत का मामला प्रकाश में आया है। पुलिस ने तहरीर लेकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार बिरनो थाना क्षेत्र के रसूलाबाद गांव निवासी सुभाष चन्द्र यादव (35) प्राथमिक विद्यालय फत्तेपुर में शिक्षामित्र के रूप में तैनात था। परिजनों के अनुसार सरकार द्वारा शिक्षामित्रों का समायोजन न किए जाने से वह काफी आहत था और इसी दौरान उसकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई। परिजनों ने आनन-फानन में उसे आजमगढ़ स्थित हॉस्पिटल ले जाकर इलाज कराया जहां से उसे BHU के लिए रेफर कर दिया गया। BHU ले जाते समय रास्ते में सुभाष की मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि समायोजित न किए जाने से आहत सुभाष की ब्रेन हेमरेज से मौत हो गई। शिक्षामित्र की मौत के बाद तमाम शिक्षक और स्थानीय ग्रामीण थाने पर पहुंचकर हंगामा करते हुए पोस्टमार्टम कराए जाने और मुआवजे की मांग करने लगे। जिस पर पुलिस ने तहरीर लेते हुए शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
विधानसभा की कार्यवाही के लिए लखनऊ पहुंचे जंगीपुर विधायक डॉ0 वीरेंद्र यादव ने अपने शिक्षामित्र सुभाष चंद्र यादव की मौत पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश में आए दिन शिक्षामित्रों की मौत के मामले सामने आ रहे हैं। जिसकी जिम्मेदार पूर्ण रुप से योगी सरकार की है। योगी सरकार ने पूर्व की सपा सरकार द्वारा शिक्षा मित्रों के समायोजन के आदेश को रद्द करते हुए तमाम शिक्षामित्रों को भुखमरी के कगार पर खड़ा कर दिया है। वही उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के जिला अध्यक्ष राम प्रताप सिंह यादव ने कहा कि संघ ने मृतक के परिजनों को 20लाख रुपए मुआवजे के साथ साथ मृतक के परिजन को नौकरी दिए जाने की मांग उठाई है।
रिपोर्ट-:प्रदीप दुबे गाजीपुर