शिक्षामित्रों की भर्ती में झोल: सरकार नहीं दे रही स्पष्टीकरण

लखनऊ- उत्तर प्रदेश में में शिक्षामित्र 26 मई 1999 के शासनादेश पर लगे डीपीईपी की नियुक्ति 1 जुलाई 2000 शासनादेश पर हुई फिर 1 जुलाई 2001 के अंतर्गत बेसिक शिक्षा में किन लोगो की नियुक्ति हुई। 19 अक्टूवर 2005 शासनादेश के अंतर्गत सर्व शिक्षा अभियान में किन लोगो को नियुक्त की गयी। सभी को शिक्षामित्र बताने का कारण क्या है।
जिला प्रशिक्षण संस्थानो से जारी किये गये 30 दिवसीय प्रशिक्षण प्रमाण पत्र पर आचार्य जी / शिक्षामित्र/ अनुदेशक पद 2001 के बाद जारी सभी प्रमाण पत्रो पर देख सकते है दो पद नाम जरूर लिखा होगा विभाग बताये की आचार्य जी कब रखे गये और अनुदेशक की भर्ती तो 2014 में जूनियर स्कूल में हुई है।
कुछ समय पहले विभाग की तरफ से एक आदेश जारी कर सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों से सूचना मांगी गई थी की प्राइमरी और उच्च प्राइमरी में नियुक्त शिक्षामित्रो की संख्या अपने साथ लेकर बैठक में आये। इन सभी चीजो को कौन दवाये हुए है हमारे अनुसार सन् 2000 से लेकर 2018 तक सभी भर्तियों की जाँच होनी चाहिए।भर्ती चाहे नियमित अध्यापक के पद पर हुई हो या संविदा अध्यापक के पद पर हुई हो या शिक्षामित्र /आचार्य जी/ अनुदेशक के पद पर हुई हो सभी शासनादेशों के अंतर्गत की गई भर्ती की जाँच होना चाहिए।

देवेन्द्र प्रताप सिंह कुशवाहा

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