डीडवाना (नागौर)/राजस्थान- शहर के राजकीय अस्पताल से रक्त की कमी बता कर सीकर रैफर की गई महिला ने अस्पताल के मुख्य द्वार के सामने सडक़ पर एक बच्चे को जन्म दिया। बाद में अस्पताल की एक नर्स मौके पर पहुंची व महिला को अपने साथ स्ट्रेचर पर अस्पताल में ले गई, जहां पर चिकित्सक ने प्रसूता को भर्ती कर लिया।
निकटवर्ती ग्राम सिड़ला(बेसरोली) निवासी गोपीनाथ गुरुवार की सुबह अपनी पत्नी गीता को प्रसव पीड़ा होने पर राजकीय बांगड़ अस्पताल लेकर पहुंचा। जहां पर चिकित्सक ने रक्त की कमी बताते हुए उसे सीकर रैफर कर दिया। गीता अपने परिजनों के साथ अस्पताल के बाहर आ गई। अस्पताल के मुख्य द्वार के पास ही महिला को प्रसव पीड़ा होने लगी। पति व साथ मे एक अन्य महिला के पास प्रसूता को तड़पते हुए देखने के अलावा कुछ नहीं था। थोड़ी देर बाद गीता ने सडक़ पर ही पुत्र को जन्म दिया। मौके पर भीड़ एकत्र होने व जानकारी मिलने के बाद अस्पताल में कार्यरत परिचारिका (नर्स) वहां पहुंची व अस्पताल में भर्ती कराया। गौरतलब है महिला ने बिना चिकित्सक की देख रेख के साधारण स्थिति में बच्चे को जन्म दिया।
स्त्री रोग विशेषज्ञ के अनुसार महिला के शरीर में खून की कमी होने के कारण उसे एक घंटा पहले ही रैफर कर दिया गया था। महिला के रैफर कार्ड में समय 1 बजे अंकित है व महिला को प्रसव करीब सवा बजे हुआ। महिला के पति के अनुसार भी लगभग आधा घंटे पहले रैफर कार्ड बना कर दिया गया था। रैफर कार्ड बनाने से प्रसव होने तक लगभग आधा घंटे महिला प्रसव पीड़ा से तड़पती रही, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने महिला की सुध नहीं ली।
इनका कहना है:-
खून की कमी के चलते प्रसूता को सीकर रैफर किया गया था। महिला के लिए एम्बुलेंस भी मंगवा रहे थे, लेकिन वह निजी वाहन में जाना चाह रही थी। प्रसव के बाद महिला व बच्चा दोनो पूरी तरह से स्वस्थ्य है।
डॉ. कानाराम, स्त्री रोग विशेषज्ञ डीडवाना:-
सुबह पत्नी को लेकर अस्पताल आया था। काफी देर तो बैठे रहे फिर कहा गया कि सीकर ले जाओ खून की कमी है। अस्पताल के बाहर पहुंचे तो प्रसव हो गया।
गोपीनाथ, प्रसूता का पति:-